कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) के बल्लेबाज रिंकू सिंह (Rinku Singh) ने उस वक्त को याद किया है जब उनकी चोट के चलते उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिल रहे थे. रिंकू की चोट ने उनकी जिंदगी को काफी मुश्किल बना दिया था. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के लिए पिछले 5 साल बेहद कठिन रहे हैं, लेकिन रिंकू ने कभी हार नहीं मानी और इन हालातों में भी खुद पर भरोसा रखा. साल 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने मेगा नीलामी में रिंकू सिंह को चुना था लेकिन ये युवा बल्लेबाज उस दौरान कमाल नहीं दिखा पाया. 4 सीजन तक केकेआर का हिस्सा रहने के बावजूद रिंकू को खेलने के लिए ज्यादा मौके नहीं मिले. घुटने में चोट के चलते रिंकू आईपीएल 2021 सीजन के पहले हाफ से बाहर हो गए थे. ऐसे में रिंकू ने अब अपने संघर्ष की कहानी सुनाई है.
6-7 महीनों तक बाहर थे रिंकू
रिंकू ने कहा कि, वो 5 साल मेरे लिए बेहद मुश्किल थे. पहले साल के बाद केकेआर ने मुझे चुना और फिर मुझे खेलने का मौका मिला. मैं ज्यादा अच्छा नहीं कर पाया. लेकिन केकेआर ने इसके बावजूद भी मुझपर भरोसा दिखाया. केकेआर के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर डाले गए वीडियो में रिंकू ने इन बातों का खुलासा किया है. रिंकू ने आगे कहा कि, उन्होंने दिन रात मेहनत की और अपने शरीर पर काम किया. टीम ने कभी नहीं सोचा था कि मैं हार गया हूं. मेरे लिए पिछला साल काफी ज्यादा मुश्किल था. विजय हजारे ट्रॉफी में मुझे चोट लगी. लेकिन इसके बावजूद मैं आईपीएल को लेकर सोचता रहा. डॉक्टर ने मुझे कहा कि, मुझे ऑपरेशन की जरूरत होगी और 6-7 महीने मुझे ठीक होने में लगेंगे.
पिता को हो गई थी चिंता
रिंकू ने बताया कि, क्रिकेट से इतने दिनों तक दूर रहना मेरे लिए बेहद मुश्किल था. मेरे पिता ने 2-3 दिन तक खाना नहीं खाया था. मैंने उन्हें बताया कि, ये एक चोट है और क्रिकेट में अक्सर ऐसा होता रहता है. चूंकी घर में अकेला मैं ही एक कमाने वाला था इसलिए मेरे पिता को चिंता हो गई थी. मैं काफी ज्यादा उदास था लेकिन मुझे पता था कि मैं जल्द ही रिकवरी कर लूंगा.