नई दिल्ली. इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) की शुरुआत 34 साल के भारतीय गेंदबाज के लिए सपनों सरीखी रही. आईपीएल 2022 (IPL 2022) में कोलकाता नाइटराइडर्स (Kolkata Knight Riders) के लिए अपना जलवा बिखेर रहे उमेश यादव (Umesh Yadav) सिर्फ 3 मैचों में आठ विकेट अपने नाम कर चुके हैं और पर्पल कैप का ताज अपने सिर पर शान से सजा रखा है. खासकर पावरप्ले में उनका प्रदर्शन जबरदस्त रहा है. हालांकि अब उमेश यादव सीमित ओवर प्रारूप में भारतीय टीम का नियमित हिस्सा नहीं हैं और यही वजह है कि उन्होंने बताया कि साल 2015 के वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला भारतीय गेंदबाज होने के बावजूद उन्हें भुला दिया गया और उनके लिए सबकुछ तेजी से बदल गया.
2015 वर्ल्ड कप के आठ मैचों में लिए थे 18 विकेट
दरअसल, 2015 के वर्ल्ड कप में उमेश यादव ने आठ मैचों में 18 विकेट अपने नाम किए थे. वो कुल मिलाकर इस सूची में 22 विकेट लेने वाले ट्रेंट बोल्ट और मिचेल स्टार्क के बाद दूसरे नंबर पर थे. हालांकि इस वर्ल्ड कप के बाद से उमेश यादव के लिए हालात पहले जैसे नहीं रहे और 2019 में अगले वर्ल्ड कप तक वो कभी-कभार ही टीम में जगह बना सके. केकेआर से बातचीत में उमेश ने कहा, सीमित ओवर प्रारूप में मेरा असली सफर साल 2014 में शुरू हुआ था. लेकिन जब मेरे करियर में वो वक्त आया जब मुझे टीम से अंदर-बाहर किया जाता रहा तो मुझे काफी बुरा लगा. लोगों ने अचानक मुझ पर ठप्पा लगाना शुरू कर दिया कि मैं व्हाइट बॉल क्रिकेट का गेंदबाज नहीं हूं. जब ये सब हो रहा था तब मैंने महसूस किया कि चीजें कितनी तेजी से बदलती हैं. एक वक्त पर मैं साल 2015 के वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला भारतीय गेंदबाज था और अब चीजें बदल गईं.
आईपीएल के मौजूदा सीजन में छाए उमेश यादव
साल 2018 में उमेश यादव ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए छह साल बाद अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में वापसी की. मगर जल्द ही उन्होंने अपनी जगह गंवा भी दी. हालांकि आईपीएल 2022 के मौजूदा सीजन में प्रशंसकों को एक अलग ही उमेश यादव देखने को मिल रहे हैं जिन्होंने सिर्फ तीन गेंदों में 7.37 के औसत और 9 के स्ट्राइक रेट से आठ विकेट अपने खाते में डाल लिए हैं. उमेश ने अपने सफर के बारे में बताते हुए कहा, मैं जहां से ताल्लुक रखता हूं, वहां कुछ ही लड़के होते हैं जिन्हें ये विश्वास होता है कि वो भारत के लिए खेल सकेंगे. क्रिकेट के सपने देखना और इसे खेलना दोनों काफी महंगे हैं. किट, बैट, पैड, जूते और भी न जाने क्या-क्या. आप ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि आप कोयले की खदान के बीच रहते हैं. आपके पिता कोयले की खदान में कड़ी मेहनत करते हैं. उस वक्त मैं कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत के लिए खेल सकूंगा. ये मेरी कल्पनाओं से भी परे था.