IPL में खिलाड़ियों को कैसे मिलता है पैसा, चोटिल होने पर कौन करता है पेमेंट, क्या ऋषभ पंत को पूरी रकम मिलेगी?

IPL में खिलाड़ियों को कैसे मिलता है पैसा, चोटिल होने पर कौन करता है पेमेंट, क्या ऋषभ पंत को पूरी रकम मिलेगी?

आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों की सैलरी को लेकर काफी उत्सुकता होती है. इस लीग में काफी पैसा बरसता है और दुनियाभर के खिलाड़ी खेलना चाहते हैं. ऐसे में जब कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसे पेमेंट कैसे मिलती है, कोई खिलाड़ी टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही चोटिल हो जाए तो उसे पैसे कौन देता है, ऐसे कुछ सवाल है जो काफी उत्सुकता जगाते हैं. आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों के पेमेंट की प्रक्रिया काफी सुलझी हुई होती है और खिलाड़ियों व फ्रेंचाइज के बीच पहले ही इस बारे में बात हो जाती है कि पैसों का लेनदेन कैसे होगा. स्पोर्ट्स तक आपको दे रहा है आईपीएल खेलने वाले खिलाड़ियों के पेमेंट से जुड़ी सारी जानकारी.

 

आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों का पेमेंट अलग-अलग कंडीशन पर निर्भर करता है. अगर कोई खिलाड़ी अपनी फ्रेंचाइज के लिए पूरा सीजन खेलता है तो उसे पूरा पैसा मिलता है. यह रकम ऑक्शन के दौरान तय हो जाती है. जैसे- सैम करन के लिए पंजाब किंग्स ने 18.50 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. अगर वे पूरा आईपीएल 2023 खेलते हैं तो उन्हें पूरे 18.50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. अब यहां सवाल उठता है कि पैसा कब दिया जाता है. यह प्रक्रिया फ्रेंचाइज के ऊपर निर्भर करती है. कोई फ्रेंचाइज टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही आधी रकम उस खिलाड़ी को दे देती है तो कई फ्रेंचाइज कुछ हिस्सा पहले देती है तो बाकी का बचा हुआ पेमेंट टूर्नामेंट के दौरान करती है और कुछ पैसा टूर्नामेंट की समाप्ति पर करती है.

 

जैसे- बेन स्टोक्स को चेन्नई सुपर किंग्स उनकी 16.25 करोड़ रुपये की रकम कई तरह से दे सकती है. वह आधी रकम यानी करीब 8.12 करोड़ रुपये आईपीएल 2023 से पहले दे सकती है. बाकी बचे 8.13 करोड़ टूर्नामेंट पूरा होने पर दे सकती है. इसके अलावा सीएसके टूर्नामेंट से पहले 10 फीसदी, फिर 20 फीसदी, 40 और 30 फीसदी का विकल्प भी ले सकती है.

 

खिलाड़ियों को चोटिल होने पर कैसे होता है पेमेंट


अब बात चोटिल खिलाड़ियों के पेमेंट की. अगर कोई खिलाड़ी अपनी फ्रेंचाइज के कैंप से जुड़ने से पहले ही चोटिल होकर बाहर हो जाता है तब उसे टीम की तरफ से कोई पैसा नहीं मिलता. ऐसा ही कुछ ऋषभ पंत के साथ हुआ है. वे काफी पहले ही चोटिल होकर बाहर हो गए थे. ऐसे में उन्हें फ्रेंचाइज की तरफ से पैसा नहीं मिल सकता है. मगर उन्हें बीसीसीआई पैसा देगी क्योंकि उन्हें बोर्ड की तरफ से कॉन्ट्रेक्ट मिला हुआ है और वही उन्हें पैसा देगा. साथ ही वह उनके अस्पताल का खर्चा भी उठाएगा. अगर पंत के पास बीसीसीआई का कॉन्ट्रेक्ट नहीं होता तब उन्हें कोई पैसा नहीं मिलता.

 

वहीं अगर कोई खिलाड़ी चोट या किसी और वजह से अपनी फ्रेंचाइज के चुनिंदा मैच ही खेल पाता है तब उसे प्रो राटा बेसिस यानी मैचों के हिसाब से पेमेंट मिलता है. ऐसा केस आरसीबी के जॉश हेजलवुड और रजत पाटीदार का है. ये दोनों काफी पहले से चोटिल हैं मगर आईपीएल में आगे चलकर खेल सकते हैं. ऐसे में जब वे खेलेंगे तो उन्हें मैचों की संख्या के हिसाब से पैसे दिए जाएंगे.

 

अगर कोई खिलाड़ी टूर्नामेंट के दौरान चोटिल होता है तब फ्रेंचाइज उसका मेडिकल खर्चा उठाती है. साथ ही उसका पेमेंट भी करती है. खेलते हुए या कैंप के दौरान चोटिल होने पर खिलाड़ी को पूरा पैसा मिलता है.

 

खिलाड़ी खुद से कॉन्ट्रेक्ट खत्म करना चाहे तब क्या होता है


कई बार खिलाड़ी कॉन्ट्रेक्ट पूरा होने से पहले टीम से अलग होना चाहते हैं और फ्रेंचाइज इससे सहमत हो जाती है तब उस खिलाड़ी को पूरा पैसा मिलता है. मगर कोई खिलाड़ी किसी सीजन के लिए खुद को अनुपलब्ध बताता है तब उसे फ्रेंचाइज की तरफ से कोई पैसा नहीं मिलता है. ऐसे हालात में फ्रेंचाइज किसी और खिलाड़ी से बाहर हुए खिलाड़ी की जगह भरती है.

 

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