इंग्लैंड के युवा खिलाड़ी जैकब बेथेल ने वर्तमान में चल रही एशेज सीरीज जैसे बड़े और दबाव वाले मौके पर अपना आत्मविश्वास बनाए रखने का श्रेय इंडियन प्रीमियर लीग की अपनी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और उनके होम ग्राउंड एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम को दिया है. ऑस्ट्रेलिया में बेथेल को अचानक बड़ी जिम्मेदारी मिली. फॉर्म में नहीं चल रहे ओली पोप की जगह उन्हें नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए उतारा गया, वो भी मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर रिकॉर्ड एक लाख से ज्यादा दर्शकों के सामने. पहली पारी में वो सिर्फ 5 गेंद खेलकर 1 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन दूसरी पारी में तेज गेंदबाजों के अनुकूल पिच पर शांत दिमाग से 46 गेंदों पर 40 रन बनाए, जिसकी मदद से टीम ने 175 रनों का मुश्किल लक्ष्य चेज कर लिया.
उन्होंने आगे बताया, “आईपीएल में मैंने सिर्फ दो मैच खेले, लेकिन हर मैच और हर मौका कुछ न कुछ सिखाता है. खासकर ये समझ आया कि ऐसे दबाव और ऐसे माहौल में मैं खुद से क्या बेहतर कर सकता हूं. चिन्नास्वामी में 50 हजार दर्शकों के सामने खेलने का अनुभव से इस मैच में मेरे आत्मविश्वास को काफी बढ़ा दिया.”
बेथेल पर उठे थे सवाल
पहली पारी के बाद पूर्व खिलाड़ी और विशेषज्ञ बेथेल पर सवाल उठा रहे थे. सब कह रहे थे कि एशेज से पहले उनके पास सिर्फ 30 फर्स्ट-क्लास मैच भी नहीं थे, ऐसे में इतने बड़े मौके का बोझ डालकर टीम उनका करियर दांव पर लगा रही है. लेकिन दूसरी पारी के बाद माहौल बदल गया. अब सब यही चर्चा कर रहे हैं कि इंग्लैंड को उन्हें ये मौका पहले ही दे देना चाहिए था.
बेथेल ने आगे कहा कि, “मुझे नंबर तीन का स्थान अच्छा लगता है. यहां बल्लेबाजी करने आओ तो गेंद नई होती है और कभी-कभी गेंद इधर-उधर स्विंग कर रही होती है. लेकिन दूसरे हालात में जब गेंदबाज विकेट लेने की जल्दी में होते हैं और फील्ड अटैकिंग रखी जाती है, तो रन बनाने के ढेर सारे मौके मिलते हैं. ये दो तरफा तलवार है, लेकिन मुझे मजा आ रहा है. मैं ये जगह पक्की करना चाहता हूं. सच कहूं तो टीम में कोई भी जगह पक्की हो जाए, बस प्लेइंग इलेवन में रहूं और टीम की जीत में योगदान दूं, यही काफी है.”

