Exclusive: वैभव सूर्यवंशी को कैसे 13 की उम्र में मिला आईपीएल कॉन्ट्रेक्ट, सिर्फ 6 गेंदों में हुआ फैसला, राजस्थान रॉयल्स के मैनेजर बताई इनसाइड स्टोरी

Exclusive: वैभव सूर्यवंशी को कैसे 13 की उम्र में मिला आईपीएल कॉन्ट्रेक्ट, सिर्फ 6 गेंदों में हुआ फैसला, राजस्थान रॉयल्स के मैनेजर बताई इनसाइड स्टोरी
Rajasthan Royals' batting sensation Vaibhav Suryavanshi in this frame

Story Highlights:

वैभव सूर्यवंशी को राजस्थान रॉयल्स ने 1.10 करोड़ रुपये में लिया था.

वैभव सूर्यवंशी ने सबसे कम उम्र में टी20 शतक लगाने का कमाल किया है.

संजू सैमसन के चोटिल होने पर वैभव सूर्यवंशी को आईपीएल में खेलने का मौका मिला.

14 साल की उम्र में वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल शतक लगाकर इतिहास रच दिया. आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए इस किशोर क्रिकेटर ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 38 गेंद में 101 रन की पारी खेली. इसके साथ वैभव सूर्यवंशी सबसे कम उम्र में टी20 शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए. राजस्थान रॉयल्स ने जब मेगा ऑक्शन में बिहार से आने वाले इस खिलाड़ी पर दांव लगाया था तब कई भौंहें तनी थी. मगर अब यह कदम मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. राजस्थान रॉयल्स के मैनेजर रोमी भिंडर ने स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत में बताया कि किस तरह से महज छह गेंदों ने वैभव के आईपीएल कॉन्ट्रेक्ट का रास्ता साफ कर दिया था. 

भिंडर ने आगे बताया,

वह बच्चा है लेकिन जिस तरह से उसने नागपुर हाई परफॉर्मेंस सेंटर में पहला ओवर खेला उससे हम लग गया कि इस लड़के में जोरदार टैलेंट है. वहीं से राहुल भाई और जुबिन ने मुझे कॉल किया और कहा कि इस पर नज़र रखना. इसके माता-पिता से बात करो. हम इसे लेना चाहेंगे. हम अपनी देखरेख में इसे रखना चाहेंगे भले ही इस साल हम इसे न ले पाएं. लेकिन सौभाग्य से ऑक्शन में वह हमें मिल गया.

वैभव सूर्यवंशी का आईपीएल ट्रायल में कैसा टेस्ट हुआ

 

राजस्थान ने ट्रायल के दौरान वैभव को पावरप्ले में खेलने का चैलेंज दिया. एक लक्ष्य दिया और फिर अलग-अलग गेंदबाजों और अलग-अलग रफ्तार की गेंदों का सामना कराया. इसके जरिए देखा कि वैभव कैसे इन हालात का सामना करते हैं. भिंडर ने बताया कि वैभव में टैलेंट है यह बात किसी से छुपी नहीं थी लेकिन आईपीएल खेलना एक अलग चुनौती होता है.ऐसे में उसे तैयार करना चाहते थे. बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने इसके लिए वैभव के साथ अच्छा काम किया. साथ ही द्रविड़, भरुचा ने भी वैभव में काफी सुधार किया.