प्रियांश आर्य ने अनकैप्ड बैटर के तौर पर आईपीएल इतिहास की सबसे धमाकेदार पारी खेली. प्रियांश ने 39 गेंद पर शतक ठोक दिया और इस तरह वो टूर्नामेंट में सबसे तेज शतक ठोकने वाले चौथे बैटर बने. इस शतक की बदौलत ही टीम ने चेन्नई सुपर किंग्स को हरा दिया. प्रियांश आर्य ने स्पिनर्स नूर अहमद और आर अश्विन पर अटैक किया. एक समय पंजाब की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी. लेकिन दूसरे छोर से आर्य लगातार अटैक कर रहे थे.
इसके बाद ऋतुराज अपना सबसे बड़ा हथियार लेकर आए जो पथिराना थे. लेकिन प्रियांश ने इस बल्लेबाज पर भी अटैक करना जारी रखा. आर्य ने पथिराना को लगातार तीन छक्के ठोके और अंत में उन्होंने शतक पूरा कर लिया. पथिराना के ओवर में प्रियांश ने कुल 22 रन ठोके.
जंगल में ट्रेनिंग करते थे प्रियांश आर्य
बता दें कि प्रियांश आर्य को संजय भारद्वाज ने कोचिंग दी है. संजय ने उन्हें कोचिंग देने के लिए भोपाल से बाहर गुरुकुल जैसा कैंप लगाया. इस कैंप में नीतीश राणा, उन्मुक्त चंद, कुलवंत खेजरोलिया और अब प्रियांश आर्य कोचिंग लेते हैं. इंडिया टुडे से खास बातचीत में संजय भारद्वाज ने कहा कि, डीपीएल और आईपीएल से पहले वो भोपाल में अभ्यास करते थे. मैं उस दौरान एकेडमी चल रहा था. ये रातापानी जंगल में थे जो शहर से 20 किलोमीटर दूर था. मैंने इसे गुरुकुल जैसा बनाया है. संजय ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर को ढूंढना बेहद मुश्किल है क्योंकि यहां तक लोग भी नहीं पहुंच सकते. कोई साइन नहीं है. प्रियांश ने प्रदूषण और दिल्ली की गर्मी को पीछे छोड़ यहां ट्रेनिंग की है.
प्रियांश करते थे 12 घंटे ट्रेनिंग
गौतम गंभीर के पूर्व कोच ने बड़ा खुलासा किया है और बताया है कि, वो दिन में 12 घंटे ट्रेनिंग करते थे. प्रियांश को इस दौरान फोन इस्तेमाल करने की परमिशन नहीं थी. वो सिर्फ एक घंटे के लिए ही फोन इस्तेमाल करते थे. भारद्वाज ने कहा कि उनका खाना बिल्कुल सिंपल था और वो सिर्फ चूल्हे पर बना खाना ही खाते थे. उनकी प्रैक्टिस सुबह 6:30 बजे शुरू होती थी और शाम के 6 बजे तक होती थी. इस दौरान उन्हें कोई आराम नहीं मिला. भारद्वाज ने कहा कि प्रियांश ने जब शतक ठोका था तब उन्होंने सुबह कॉल किया था.
भारद्वाज ने कहा कि, उन्होंने शतक ठोकने के बाद मुझे फोन किया था और पूछा था कि क्या मैंने अच्छा किया. मैंने कहा कि, सबकुछ भगवान पर छोड़ दो. अगर भगवान तुम्हारा साथ देगा तो आप जिंदगी में काफी अच्छा करोगे.
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