'अगर श्रेयस अय्यर अपना शतक पूरा करते तो पंजाब हार जाती,' आर अश्विन का चौंकाने वाला बयान

'अगर श्रेयस अय्यर अपना शतक पूरा करते तो पंजाब हार जाती,' आर अश्विन का चौंकाने वाला बयान
मैच के दौरान रन लेते श्रेयस अय्यर

Story Highlights:

आर अश्विन ने गेंदबाजों का समर्थन किया है

अश्विन ने कहा कि अगर अय्यर शतक बनाते तो पंजाब हार जाती

अंत में गेंदबाजों को दोषी ठहराया जाता

IPL 2024:आर अश्विन ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि अब समय आ गया है कि लोगों को क्रिकेटर्स की उपलब्धियां और गेंदबाजों के रोल को अलग नजरिए से देखना होगा. अश्विन ने यहां पंजाब किंग्स के कप्तान श्रेयस अय्यर की तारीफ की और ये बताया कि कैसे उन्होंने टीम के लिए एक नया उदाहरण सेट किया है. आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स और गुजरात टाइटंस के बीच मुकाबला खेला गया था.

अय्यर शतक बनाने तो टीम हार जाती

इस दौरान श्रेयस अय्यर ने मुकाबले में 97 रन ठोके और सिर्फ 3 रन से अपने शतक से चूक गए. पारी में सिर्फ 10 गेंदें बची थी और अय्यर अपने शतक के बिल्कुल करीब थे. दूसरे छोर से शशांक सिंह बैटिंग कर रहे थे और पूरे ओवर में उन्होंने चौके- छक्के की बरसात कर अय्यर को स्ट्राइक ही नहीं दी. इसका नतीजा ये रहा कि अय्यर 97 रन पर ही रह गए और शतक नहीं बना पाए. 

अय्यर की गलती से अंत में पंजाब के गेंदबाजों को दोष दिया जाता: अश्विन

शशांक सिंह ने 16 गेंदों पर 44 रनों की तेज पारी खेली, जिससे PBKS ने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 243 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया. अय्यर का शशांक को ये कहना कि तुम रन बनाने रहो टीम के पाले में गया क्योंकि अंत में पंजाब ने 11 रन से जीत हासिल कर ली. ​​अपने YouTube चैनल पर मैच का विश्लेषण करते हुए, अश्विन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अगर अय्यर अपना शतक पूरा करने जाते तो पंजाब किंग्स कम स्कोर बना पाती जिससे अंत में गुजरात की टीम आसानी से लक्ष्य का पीछा कर लेती और पंजाब हार जाती. 

चेन्नई सुपर किंग्स के स्पिनर ने बताया कि गेंदबाजों को अक्सर रन देने के लिए दोषी ठहराया जाता है, और बल्लेबाजों का ध्यान टीम के स्कोर को अधिकतम करने के बजाय अपने मील के पत्थर पर होता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि शशांक की तेज पारी ने PBKS की जीत में महत्वपूर्ण अंतर पैदा किया. रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल 'ऐश की बात' पर कहा, "अगर अय्यर ने अपना शतक बनाया होता और पीबीकेएस 233 रन ही बना पाती तो गुजरात की टीम एक गेंद शेष रहते ही जीत हासिल कर लेती. ऐसे में अंत में हम गेंदबाजों को लक्ष्य का बचाव न करने के लिए दोषी ठहराते. 

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