रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के स्पिन बॉलिंग कोच मलोलन रंगराजन उस सवाल पर भड़क गए जब उनसे ये पूछा गया कि आरसीबी की टीम खिताब क्यों नहीं जीत पा रही है. इसपर उन्होंने इंग्लैंड की पुरुष फुटबॉल टीम का उदाहरण दिया. रंगराजन ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मुकाबले से पहले कहा कि, हम इतिहास को सोचकर खुद पर दबाव नहीं बनाना चाहते हैं. क्योंकि टीम हमारी काफी ज्याद बैलेंस है.
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बता दें कि आरसीबी की टीम पहले ही प्लेऑफ्स में पहुंच गई है. टीम अगर लखनऊ के खिलाफ मैच जीतती है तो टीम टॉप 2 में खत्म कर सकती है और पहला क्वालीफायर खेल सकते हैं. वहीं एक बड़ी जीत टीम को टॉप पर पहुंचा सकती है.
हमें अतीत से फर्क नहीं पड़ता
आरसीबी के गेंदबाजी कोच ने आगे कहा कि, इंग्लैंड ने साल 1966 में फीफा वर्ल्ड कप खिताब जीता था. लेकिन ये सच है कि हम अब तक खिताब नहीं जीत पाए हैं. लेकिन हमारी कोशिश यही रहती है कि हम लगातार अच्छा करें और बेहतरीन टीम बनें. अगर आप पिछले 5-6 सालों को देखेंगे तो आरसीबी की टीम कंसिस्टेंट फ्रेंचाइज बन चुकी है. जो भी लोग कहते हैं वो मुझे पता नहीं सच है या नहीं. लेकिन लोग हमारी बैटिंग की तारीफ करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि, ऐसा लगता है कि हमारे पास एक संतुलित टीम है, जो हमारे आउटपुट को थोड़ा संतुलित करती है. इसलिए, हमारी सोच, सभी टीमों की तरह, जीतने की है. अतीत में जो हुआ, उसकी जिम्मेदारी वर्तमान खिलाड़ियों की नहीं है. यह वर्तमान खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है, जो आज और कल के मैच में हैं. इसलिए, अगर हम जीतते हैं, तो यह अच्छा होगा, लेकिन मैं सभी को जानता हूं. मैं हर खिलाड़ी को जानता हूं और हर कोई जानता है कि उनकी इच्छा क्या है और वे क्या करना चाहते हैं. इसलिए, निश्चित रूप से कोई दबाव नहीं है.
बता दें कि आरसीबी की टीम सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपना पिछला मुकाबला हारकर आ रही है. लेकिन जोश हेजलवुड के आने से टीम को बड़ा फायदा मिला है. रंगराजन ने कहा कि इससे टीम का भी हौंसला बढ़ा है.