विराट कोहली के आईपीएल ट्रॉफी जीतने का सपना आखिरकार 18वें सीजन में खत्म हुआ. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पंजाब किंग्स को छह रन से हराकर पहली बार आईपीएल ट्रॉफी जीती. इसके साथ ही कोहली के आईपीएल विजेता बनने का सपना पूरा हुआ. वे इस लीग की शुरुआत से ही आरसीबी के लिए खेल रहे हैं. कोहली ने खिताब जीतने के बाद कहा कि वे जब खेलते हैं तो पूरी जान लगाकर खेलते हैं. वे इंपैक्ट प्लेयर बनकर नहीं खेल सकते. उन्हें 20 ओवर खेलने का अनुभव चाहिए होता है. कोहली 2008 से आरसीबी का हिस्सा हैं. 2009, 2011 और 2016 में भी यह टीम फाइनल में पहुंची थी लेकिन जीत दूर रह गई थी.
कोहली ने पंजाब किंग्स पर जीत के बाद कहा, 'मेरे पास इस खेल को अब ज्यादा सालों तक खेलने का मौका नहीं है. हमारे करियर की एक आखिरी तारीख होती है. और मैं खेल को अलविदा कहूंगा, मैं घर पर बैठूंगा और कहूंगा कि मैंने सब कुछ दे दिया. उससे पहले मैं सुधार करते रहना चाहता हूं. मैं इंपैक्ट प्लेयर के रूप में नहीं खेल सकता. मैं 20 ओवर्स का अनुभव चाहता हूं और मैदान पर असर दिखाना चाहता हूं. मैं इसी तरह का खिलाड़ी हूं. और भगवान ने मुझे इस तरह का नजरिया और प्रतिभा दी है. आप टीम की मदद के लिए अलग-अलग रास्ते तलाशते हैं.'
कोहली ने मैनेजमेंट और टीम साथियों को सराहा
कोहली ने आईपीएल 2025 फाइनल में 43 रन की पारी खेली. इसकी मदद से आरसीबी ने 190 रन का स्कोर खड़ा किया. जवाब में पंजाब किंग्स की टीम 184 रन ही बना सकी. उसे दूसरी बार फाइनल में हार मिली है. कोहली ने आरसीबी की जीत के लिए मैनेजमेंट और कोचिंग स्टाफ को भी क्रेडिट दिया. उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो यह मैनेजमेंट, ये खिलाड़ी जबरदस्त हैं. उन्होंने सही खिलाड़ियों को लिया जो मैच विजेता हैं, जो खेल में भिड़ना चाहते हैं. ऑक्शन में काफी लोगों ने हमारी रणनीति पर सवाल उठाए थे. लेकिन हम अपने खिलाड़ियों को लेकर बहुत खुश थे. हमें इस ग्रुप के खिलाड़ियों की ताकत में काफी भरोसा था. मैं इस टीम को शुक्रिया कहना चाहूंगा. इस जीत में हर खिलाड़ी का योगदान है. उन्होंने पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमें सकारात्मक रखा.'