केरल के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन का मानना है कि पिछले कुछ सालों में उन्होंने खुद को इस तरीके से तैयार किया है कि उन्हें कोई भी ‘एक आयामी क्रिकेटर’ (किसी एक भूमिका में खेलने वाला खिलाड़ी) का तमगा नहीं दे सकता. सैमसन टी20 विश्व कप टीम में जगह नहीं बना सके हैं लेकिन समझते हैं कि भारतीय क्रिकेट के दिन प्रतिदिन बेहतर होने से राष्ट्रीय टीम के ‘एलीट’ 15 खिलाड़ियों में शामिल होना अब पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘मैंने पिछले कई सालों से विभिन्न भूमिकाएं निभाने पर काम किया है. मैं सहजता से बल्लेबाजी क्रम में किसी भी जगह बल्लेबाजी कर सकता हूं.’ सैमसन का मानना है कि सफल होने के लिए एक खिलाड़ी को लचीला होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘आपको खुद को एक ही स्थान पर समेटकर नहीं रखना चाहिए. आप लोगों को यह नहीं कह सकते: मैं सलामी बल्लेबाज हूं या मैं फिनिशर (आखिरी ओवरों का विशेषज्ञ बल्लेबाज) हूं. पिछले तीन-चार सालों में अलग-अलग भूमिकाओं में खेलते हुए मेरे खेल में नया आयाम जुड़ गया है.’
'टीम इंडिया में जगह बनाना मुश्किल'
उन्होंने साथ ही कहा, ‘मैं जिस तरह से प्रदर्शन कर रहा हूं, उससे खुश हूं. मैं सुधार करना चाहता हूं.’ सैमसन गुरुवार (22 सितंबर) से न्यूजीलैंड ए के खिलाफ लिस्ट ए के तीन मैचों में भारत ए की अगुआई करेंगे. इस बारे में उन्होंने कहा, 'ये काफी अहम हैं. ए मैच और एक इंटरनेशनल मैच में ज्यादा अंतर नहीं होता है. लगभग बराबर ही मुकाबला होता है. इसलिए यह जरूरी है कि मिले हुए मौकों का फायदा लिया जाए.'