नई दिल्ली। भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन सोमवार को 372 रन की करारी शिकस्त झेलने के बाद न्यूजीलैंड के कार्यवाहक कप्तान टॉम लाथम ने कहा कि यह उन मैचों में से एक है जहां कोई भी पल उनकी टीम के पक्ष में नहीं गया. कानपुर में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट मैच में पुछल्ले बल्लेबाजों की संयम से भरी बल्लेबाजी के दम पर मैच ड्रॉ करने वाली न्यूजीलैंड की टीम यहां दो पारियों में महज 62 और 167 रन ही बना सकी. भारतीय टीम ने चौथे दिन के खेल के शुरुआती घंटे के अंदर ही न्यूजीलैंड की दूसरी पारी को समेट कर 372 रन से रिकॉर्ड जीत दर्ज की. घरेलू सरजमीं पर रनों के लिहाज से भारत की यह सबसे बड़ी जीत है.
नियमित कप्तान केन विलियमसन की गैरमौजूदगी में टीम की कप्तानी कर रहे लाथम ने कहा, ‘‘यह क्रिकेट में उन पलों के बारे में है जहां कुछ भी आपके पक्ष में नहीं रहा. क्रिकेट में ऐसा होता है. हमने दुनिया भर में अलग-अलग समय पर टीमों के साथ ऐसा किया है. दुर्भाग्य से यह हमारा (बुरा) समय था और चीजें वैसी नहीं थी जैसी हम चाहते थे.’’
भारतीय स्पिनरों पर बनाना चाहते थे दबाव
मुंबई टेस्ट में पहली पारी को छोड़कर न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया. लाथम ने कहा कि उन्होंने स्पिनरों पर आक्रामक रूख अपनाने की योजना बनाई थी लेकिन यह काम नहीं आया. उन्होंने कहा, ‘‘रॉस (टेलर) की स्पष्ट योजना थी, वह गेंदबाजों को दबाव में लाना चाहते थे. उपमहाद्वीप की टीम के खिलाफ जब आप ऐसा करते है तो प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी बहुत जल्दी गेंद को नीचे रखने की कोशिश करते है. दुर्भाग्य से रॉस की योजना उतनी कारगर नहीं रही, लेकिन मुझे यकीन है वह इसी योजना के साथ मैदान में उतरे थे.’’
62 रन पर सिमटने के बाद वापसी थी मुश्किल
उन्होंने कहा कि पहली पारी में महज 62 रन पर आउट हो जाने के बाद टीम के लिए वापसी करना मुश्किल था. उन्होंने कहा कि उस पारी के अलावा टीम का प्रदर्शन उतना बुरा नहीं था. कप्तान ने कहा, ‘‘यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में हमने टीम में सभी के साथ बात की. इसके बाद भी हम मैच में वापसी की कोशिश कर रहे थे. अगर आप इसमें से पहली पारी को निकाल लें, तो जाहिर तौर हमारे लिए एक अलग कहानी होगी.’’