30 से कम की उम्र में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले ये पांच धुरंधर, एक बना टीम इंडिया का हेड कोच
क्रिकेट के खेल में कई खिलाड़ी बहुत जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में अपना नाम बनाकर संन्यास का ऐलान कर देते हैं, जिसमें एक भारतीय दिग्गज का नाम भी शामिल है.

क्रिकेट के खेल में कई खिलाड़ियों का करियर जहां काफी लंबा होता है. वहीं कई खिलाड़ी बहुत जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में अपना नाम बनाकर संन्यास का ऐलान कर देते हैं. इस कड़ी में हम आपको पांच ऐसे धाकड़ खिलाड़ियों के नाम बतायेंगे, जिन्होंने 30 या उससे कम की उम्र में संन्यास लेकर सबको चौंका दिया.

इंग्लैंड के जेम्स टेलर का नाम भी बदकिस्मत खिलाड़ियों में शामिल है. वनडे फॉर्मेट में 42 से अधिक की औसत से रन बनाने वाला ये बल्लेबाज 26 साल की उम्र में दिल की गंभीर दिमारी से ग्रसित हो गया. जिसके चलते फौरन क्रिकेट छोड़ना पड़ा था.

इंग्लैंड ने जब साल 2010 में पहली बार टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था तो उस समय उनके विकेटकीपर बल्लेबाज क्रेग कीस्वेटर का काफी अहम रोल था. क्रेग कीस्वेटर ने टूर्नामेंट में 222 रन बने लेकिन 27 साल की उम्र में काउंटी मैच के दौरान उनकी आंख में चोट लगी और फिर उनको संन्यास लेना पड़ा.

पाकिस्तान के दिग्गज स्पिनर सक़लैन मुश्ताक का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. सक्लेन मुश्ताक ने पाकिस्तान के लिए 27 टेस्ट में 208, 169 वनडे में 288 विकेट झटके. जबकि सबसे तेज 250 वनडे विकेट लेने वाले गेंदबाज भी थे. मगर आंख और घुटने में समस्या के चलते 27 साल की उम्र में क्रिकेट छोड़ना पड़ा.

दुनियाभर की टी20 लीग्स में अपने बल्ले से धमाल मचाने वाले निकोलस पूरन किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. पूरन ने भी 29 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर चौंका दिया. पूरण ने वेस्टइंडीज के लिए 106 टी20 अंतरराष्ट्रीय में 2275 रन और 61 वनडे में 1983 रन बनाए.

इस लिस्ट में सबसे आखिर में रवि शास्त्री का नाम भी शामिल है. रवि शस्त्री ने 1980–90 के दशक में ऑलराउंड खेल से जलवा दिखाया. शास्त्री ने 80 टेस्ट और 150 वनडे में करीब सात हजार रन और 280 विकेट अपने नाम किये. लेकिन सिर्फ 30 साल की उम्र में क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया.

रवि शास्त्री की बात करें तो उन्होंने क्रिकेट से संन्यास के बाद कमेंट्री में नाम बनाया. जबकि इसके बाद वह टीम इंडिया के हेड कोच भी बने. शास्त्री की कोचिंग में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतर तिरंगा लहराया था.