टीम इंडिया का जो भी बना टीम स्पॉन्सर, उसका हो गया बंटाधार, Dream11 से पहले इन कंपनियों का भी डूबा सूरज
भारतीय क्रिकेट टीम के साथ पिछले 15-16 साल में जो भी कंपनी स्पॉन्सर बनी है वह या तो किसी विवाद में फंसी है या फिर उसका कारोबार डूब गया. उसके लिए भारतीय टीम के साथ जुड़ना अच्छा नहीं रहा है.

भारत सरकार ने पिछले दिनों पैसों से जुड़े सभी ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया. यह कदम ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को पास कर उठाया गया. इसके बाद ड्रीम11 जैसी कंपनियों को जोर का झटका लगा. नतीजा रहा कि इस कंपनी ने बिल पास होने के फौरन बाद ही अपने प्लेटफॉर्म से पैसों से जुड़े सभी खेलों को बंद करने की जानकारी दी. इस घटनाक्रम से एक रोचक मामला सामने आया जो यह है कि जिस भी कंपनी का नाम भारतीय क्रिकेट टीम के स्पॉन्सर के रूप में जुड़ता है उसका हाल बदहाल हो जाता है.

भारतीय क्रिकेट टीम के साथ पिछले 15-16 साल में जो भी कंपनी स्पॉन्सर बनी है वह या तो किसी विवाद में फंसी है या फिर उसका कारोबार डूब गया. उसके लिए भारतीय टीम के साथ जुड़ना अच्छा नहीं रहा है. आइए जानते हैं किस-किस कंपनी के साथ कब-कब ऐसा हुआ.

सहारा इंडिया लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट टीम का स्पॉन्सर रहा. लेकिन 2011 में इस कंपनी का बुरा दौर शुरू हो गया. SEBI ने इस पर शिकंजा कसा और फिर सहारा इंडिया के संस्थापक सुब्रत रॉय को जेल जाना पड़ा. उनका बीसीसीआई के साथ झगड़ा भी हो गया. नतीजतन कुछ समय बाद भारतीय क्रिकेट से सहारा अलग हो गया. 2014 आते-आते यह कंपनी लगभग डूब गई.

स्टार इंडिया 2014 में भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सर बनी. 2017 तक इसका साथ रहा. हालांकि इस अवधि में कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ. लेकिन तब स्टार के पास ही भारतीय क्रिकेट के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स भी थे. ऐसे में आरोप लगे कि उसने प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन किया. ऐसे में उसने स्पॉन्सरशिप को आगे नहीं बढ़ाया. दो साल बाद यानी 2019 में स्टार इंडिया की पैरेंट कंपनी 21st सेंचुरी फॉक्स बिक गई. साथ ही भारतीय क्रिकेट के ब्रॉडकास्टिंग में भी उसका दबदबा घट गया.

चीनी फोन कंपनी ओप्पो 2017 भारतीय क्रिकेट टीम से जुड़ी. उसका पांच साल का करार था लेकिन 2019 में ही उसने हाथ खींच लिए. उसने आखिरी दो साल के स्पॉन्सर अधिकार बायजू को बेच दिए. इसके एक साल बाद यानी 2020 में ही भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव हुआ. ऐसे में भारत ने कई चाइनीज ऐप्स को बैन कर दिया. नतीजतन ओप्पो के भारत में कारोबार पर बुरा असर पड़ा.

ओप्पो के जाने के बाद बायजूज ने भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सरशिप ली. लेकिन 2022 में उसे भी जाना पड़ा. यह कंपनी कई विवादों में फंस गई. उस पर काफी उधार हो गया. इसे वह चुकाने में नाकाम रही. यहां तक कि बीसीसीआई को भी कॉन्ट्रेक्ट के तहत पैसों का भुगतान नहीं हो पाया.

ड्रीम11 ने अभी भारतीय क्रिकेट टीम से अलग होने को लेकर कोई बयान नहीं दिया है. भारतीय पुरुष टीम को सितंबर में एशिया कप खेलना है तो महिला टीम को वर्ल्ड कप में हिस्सा लेना है. आईसीसी इवेंट में तो टीम स्पॉन्सर का नाम प्रमुखता से जर्सी पर नहीं होता है लेकिन बाकी इवेंट में होता है. देखना होगा कि आगे कौन भारतीय टीम का स्पॉन्सर बनेगा.