क्या होता है IPL ट्रेड? कैसे किया जाता है खिलाड़ियों का ट्रांसफर, यहां जानें सबकुछ
संजू सैमसन को लेकर कई तरह की अफवाहें हैं कि वो चेन्नई सुपर किंग्स के साथ जुड़ सकते हैं. उन्होंने राजस्थान से रिलीज करने की मांग कर दी है.

आईपीएल ट्रेड विंडो क्या है? हाल के सालों में, आईपीएल में खिलाड़ियों की ट्रेडिंग ने फैंस का रोमांच काफी ज्यादा बढ़ा दिया है.यह प्रोसेस फुटबॉल ट्रांसफर की तरह काम करती है. खिलाड़ी अपनी इच्छा से एक फ्रेंचाइज से दूसरी में जा सकते हैं.

ट्रेड का इतिहास कैसा रहा है?ट्रेड की शुरुआत 2009 में हुई थी, लेकिन अब यह ज्यादा आम है.खिलाड़ियों की इच्छाएं अब फ्रेंचाइज के लिए ज्यादा मायने रखती हैं.दो साल पहले, हार्दिक पंड्या का गुजरात टाइटंस से मुंबई इंडियंस में जाना चर्चा में रहा था.

इस बार राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन के जाने की चर्चा है.चेन्नई सुपर किंग्स उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए उत्सुक है. सीजन नजदीक आने पर और भी नाम सामने आ सकते हैं.

ट्रेड कैसे काम करता है? उदाहरण के तौर पर, अगर सैमसन राजस्थान छोड़कर चेन्नई जाएं, तो यह ट्रांसफर की तरह होगा.चेन्नई को राजस्थान को ट्रांसफर फीस देनी होगी. सैमसन का 18 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट चेन्नई को देना होगा, लेकिन शर्तें वही रहेंगी.

ट्रांसफर फीस की कोई सीमा है? फ्रेंचाइज को बराबरी के लिए एक निश्चित पर्स मिलता है, लेकिन ट्रांसफर फीस पर कोई सीमा नहीं है. बड़ी फ्रेंचाइज छोटी फ्रेंचाइज को ज्यादा रकम देकर खिलाड़ी ले सकती हैं.यह रकम सार्वजनिक नहीं की जाती और खिलाड़ी की फीस में 50% तक कटौती हो सकती है.

खिलाड़ियों की अदला-बदली कैसे होती है? ट्रेड का दूसरा तरीका है खिलाड़ियों की अदला-बदली. जैसे चेन्नई सैमसन के लिए राजस्थान को दो खिलाड़ी दे सकती है.अगर कीमत में अंतर हो, तो बाकी राशि नकद दी जाती है और पर्स में दिखती है.

ट्रेड विंडो कब तक खुली रहती है? ट्रेड विंडो सीजन खत्म होने के एक महीने बाद (इस साल 3 जुलाई) से शुरू होती है. यह नीलामी से एक हफ्ते पहले तक खुली रहती है. नीलामी के बाद यह अगले सीजन शुरू होने से एक महीने पहले तक फिर से खुलती है.