'मुझे ऑस्ट्रेलिया ले जाना था', अजिंक्य रहाणे शतक ठोकने के बाद अगरकर पर बरसे, बोले- सेलेक्टर्स को देखना चाहिए कि...

'मुझे ऑस्ट्रेलिया ले जाना था', अजिंक्य रहाणे शतक ठोकने के बाद अगरकर पर बरसे, बोले- सेलेक्टर्स को देखना चाहिए कि...
लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर हैं अजिंक्य रहाणे (Photo: Getty)

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अजिंक्य रहाणे का कहना है कि सेलेक्शन के लिए उम्र बाधा नहीं होनी चाहिए.

अजिंक्य रहाणे ने छत्तीसगढ़ के खिलाफ रणजी मैच में शतक लगाया.

अजिंक्य रहाणे ने रणजी ट्रॉफी 2025-26 के दूसरे राउंड में शतक लगाने के बाद सेलेक्टर्स को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि 2024-25 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए अनदेखी किए जाने से उन्हें दुख पहुंचा. अजिंक्य रहाणे 2023 के बाद से भारतीय टेस्ट टीम से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि सेलेक्शन के दौरान उम्र को नहीं देखना चाहिए. साथ ही अजीत अगरकर के नेतृत्व वाले सेलेक्शन पैनल से कहा कि वह जब मैदान पर मैच देखते हैं तो रनों के साथ ही खिलाड़ी के इंटेंट और जज्बे को भी देखें.

रहाणे ने 26 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के खिलाफ दूसरे राउंड के मुकाबले में 159 रन की पारी खेली. उन्होंने 303 गेंद का सामना किया और 21 चौके लगाए. यह उनका 42वां फर्स्ट क्लास शतक रहा. रहाणे ने इस पारी के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'बात उम्र की नहीं बल्कि इंटेंट की होनी चाहिए. लाल गेंद क्रिकेट खेलने के जज्बे और मैदान में जाकर कड़ी मेहनत करने पर बात होनी चाहिए. ऑस्ट्रेलिया में आपने देखा कि माइकल हसी ने 30 साल की उम्र में डेब्यू किया. फिर भी उन्होंने रन बनाए. लाल गेंद क्रिकेट में अनुभव मतलब रखता है. मुझे निजी तौर पर लगा कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम को मेरी जरूरत थी.'

रहाणे बोले- सिर्फ प्रदर्शन ही मायने नहीं रखता

 

रहाणे भारत के लिए आखिरी बार 2023 में वेस्ट इंडीज दौरे पर टेस्ट खेले थे. उन्होंने आगे कहा, '34-35 साल की उम्र के बाद खिलाड़ी बूढ़े माने जाते हैं. खिलाड़ी हमेशा अच्छा करने की कोशिश करते हैं. खिलाड़ी हमेशा कोशिश करते हैं कि अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन किया जाए. और अगर कोई लाल गेंद क्रिकेट खेलने को लेकर जूनुनी है तो मुझे लगता है कि सेलेक्टर्स को यह बात देखनी चाहिए क्योंकि वे आकर मैच देखते हैं. हर बार सिर्फ प्रदर्शन ही मतलब नहीं रखता. इंटेंट और जूनुन और आप कैसे खेलते हैं यह मतलब रखता है.'

रहाणे बोले- मुझे मौके मिलने चाहिए थे

 

रहाणे ने कहा कि सेलेक्टर्स की तरफ से उनसे कुछ नहीं कहा गया. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता कि एक अनुभवी खिलाड़ी के रूप में मुझे ज्यादा मौके मिलने चाहिए थे. लेकिन कोई कम्युनिकेशन नहीं हुआ. मैं उन्हीं चीजों पर ध्यान दे सकता हूं जो मेरे बस में है. लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि भारतीय टीम को मेरी जरूरत थी और मैं पूरी तरह से तैयार था.'