साउथ अफ्रीका को ऑस्ट्रेलिया के हाथों ब्रिस्बेन में खेले गए पहले टेस्ट में दो दिन के अंदर ही हार झेलनी पड़ी. गेंदबाजों की मददगार पिच पर प्रोटीयाज टीम छह विकेट से हार गई. दोनों पारियों में वह 200 रन तक नहीं बना पाई. ब्रिस्बेन के मैदान पर दो दिन के अंदर कुल 34 विकेट गिरे और 145 ओवर से भी कम का खेल हो पाया. साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 152 और दूसरी में 99 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 218 रन बनाए थे तो उसे जीतने के लिए 34 रन का लक्ष्य मिला और इसे हासिल करने में भी उसके चार विकेट गिर गए. इस नतीजे के बाद साउथ अफ्रीकी टीम के कप्तान डीन एल्गर काफी उखड़े हुए दिखे. उन्होंन पिच को लेकर सख्त बयान दिया और कहा कि इस पर बल्ले और गेंद के बीच उचित मुकाबला नहीं था.
एल्गर ने कहा कि अगर उन्होंने 100 रन का लक्ष्य दिया होता तो वे ऑस्ट्रेलियाई टीम को हरा देते. उन्होंने कहा, '60 रन और होते तो यह मैच हमारे पक्ष में होता. मेरा दिमाग अभी समझने की कोशिश कर रहा है कि पिछले दो दिन में क्या हुआ.' साउथ अफ्रीकी कप्तान ने इस पिच को काफी तेज और बड़ी पारियों लायक नहीं माना. उन्होंने कहा, 'यदि आप एक गेंदबाज होते तो आपके मुंह में पानी आ जाता. इसमें कोई शक नहीं कि यह बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण थी. अच्छा रहता कि बल्ले और गेंद के बीच बराबरी का मुकाबला रहता लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगा.'
एल्गर ने यह भी माना कि इस तरह का नतीजा गेंदबाजी की क्वालिटी के चलते भी आया है. हालांकि उन्होंने कहा कि लोग चाहते थे कि वे (गेंदबाज) अपनी स्किल्स का प्रदर्शन लंबे समय तक करें. एल्गर के अनुसार, 'यदि दो जबरदस्त बॉलिंग अटैक हैं तो लोग उन्हें देखना चाहते हैं लेकिन वे उन्हें पांच दिन तक देखना चाहते हैं और इस बार ऐसा नहीं हुआ.'
साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट 26 दिसंबर से शुरू होगा. इससे पहले प्रोटीयाज टीम को अपनी बैटिंग पर काम करना होगा. इस साल छठी बार डीन एल्गर की टीम टेस्ट में 200 से कम के स्कोर पर सिमटी है. हालांकि एल्गर का मानना है कि उनकी तैयारियों में किसी तरह की कोई कमी नहीं थी. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हमने जैसी तैयारी इस सीरीज के लिए की उससे बेहतर कर सकते थे. इस मैच में हालात बल्लेबाजों के पक्ष में नहीं थे. मुझे नहीं लगता कि हम कुछ ज्यादा कर सकते थे.'