डेविड वॉर्नर ने शनिवार (24 दिसंबर) को एक बार फिर से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) को उनके नेतृत्व प्रतिबंध की अपील के दौरान समर्थन की कमी के लिए फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ शुरुआती टेस्ट से पहले उनके मेंटल हेल्थ को प्रभावित किया. वॉर्नर पर 2018 में गेंद से छेड़छाड़ मामले में उनकी भूमिका के कारण आजीवन नेतृत्व प्रतिबंध लगाया गया था. इस 36 साल के खिलाड़ी इस साल की शुरुआत में प्रतिबंध के खिलाफ अपील की थी. इस मामले पर वॉर्नर और सीए दोनों बंद कमरे में सुनवाई चाहते थे.
बोर्ड द्वारा नियुक्त स्वतंत्र आयुक्तों ने हालांकि इसे सार्वजनिक करने पर जोर दिया. इसके बाद वॉर्नर को इस महीने की शुरुआत में अपनी अपील वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. बाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज ने अपने 100वें टेस्ट से पहले कहा, ‘पर्थ टेस्ट से पहले मेरी मेंटल हेल्थ 100 प्रतिशत नहीं थी. उस समय यह चुनौतीपूर्ण था. इसे सही करना अगर मेरे हाथ में होता तो मैं चीजों को ठीक कर लेता लेकिन सीए की ओर से मुझे कोई समर्थन नहीं मिला.’
वॉर्नर ने कहा कि सीए के साथ जो भी दिक्कतें चल रही थीं उनके बाद भी उन्होंने साउथ अफ्रीका सीरीज से नाम वापस लेने का नहीं सोचा. उन्होंने कहा, 'सीरीज छोड़ने या इससे हट जाने की बात मेरे जेहन में नहीं आई. मुझे ऐसा लगता है कि मैं किसी भी हालत से निकल सकता हूं. मेरा ध्यान रन बनाने और टीम के लिए अच्छा काम करने पर था.'
वॉर्नर पिछले कुछ समय में खराब लय से जूझ रहे है और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पर्थ टेस्ट में शून्य और तीन रन की पारी के बाद उन्हें और आलोचना का सामना करना पड़ा. उन्होंने जनवरी 2020 के बाद से टेस्ट में कोई शतक नहीं लगाया है.
इस आक्रामक बल्लेबाज ने कहा कि वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस प्रक्रिया में इतना समय क्यों लगा. उन्होंने कहा, ‘मैंने इस मुद्दे पर फरवरी में सीए से संपर्क किया था. इसलिए हमें नहीं पता कि यह इतना लंबा कैसे खिंच गया. इसका जवाब सिर्फ सीए ही दे सकता है.’

