बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप यादव पिछले साल की निराशा को पीछे छोड़कर बॉलिंग में फिर से कमाल कर रहे हैं. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दिल्ली वनडे में 18 रन देकर चार विकेट लिए. इससे भारत ने दक्षिण अफ्रीका को सिर्फ 99 रन पर ढेर कर दिया. यह प्रोटीयाज टीम का वनडे में भारत के खिलाफ सबसे छोटा है. कुलदीप ने एंडिल फेहलुकवायो (05) को बोल्ड किया. फिर ब्यॉर्न फॉर्टुइन (01) और एनरिक नॉर्किया (00) को लगातार गेंदों पर पवेलियन भेजा. मार्को यानसन को डीप स्क्वेयर लेग में आवेश खान के हाथों कैच कराके दक्षिण अफ्रीका की पारी का अंत किया. इसके साथ ही उन्होंने अपने वनडे करियर का दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन किया.
पिछले डेढ़-दो साल कुलदीप यादव के लिए अच्छे नहीं रहे. वे कई मैचों में बैंच पर बैठे रहे. फिर खराब फॉर्म से जूझते रहे. दिक्कतें यहीं नहीं रुकी और उन्हें घुटने की चोट लग गई. इसके चलते वे क्रिकेट से काफी समय के लिए बाहर हो गए. कुलदीप 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा थे लेकिन उन्हें कोई मैच नहीं मिला. वे बैंच पर बैठे रहे जबकि स्टैंड बाय और नेट बॉलर के रूप में गए गेंदबाजों को टेस्ट खेलने का मौका मिल गया. इसके बाद आईपीएल 2021 के दौरान उन्हें चोट लग गई और सर्जरी करानी पड़ी.
बढ़िया आईपीएल लेकिन चोट की परेशानी
उन्हें फरवरी 2022 में श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के लिए चुना गया लेकिन उन्हें केवल एक ही मैच मिला. वे टीम इंडिया के सैकंड ऑप्शन ही रहे. लेकिन आईपीएल 2022 के जरिए उन्होंने अपनी दावेदारी पुख्ता की. इस आईपीएल में वे दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा बने और उन्होंने बढ़िया बॉलिंग की. इसके चलते उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ पांच मैच की टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया में जगह मिली. लेकिन प्रैक्टिस के दौरान उनके हाथ में चोट लग गई और वे सीरीज से बाहर हो गए. फिर वे जिम्बाब्वे दौरे के लिए चुने गए. यहां तीन मैच खेले और तीन विकेट लिए. हालिया साउथ अफ्रीका वनडे सीरीज में भी वे टीम के मुख्य स्पिनर रहे. इसमें उन्होंने तीन मैच में छह विकेट चटकाए.
साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के दौरान उनकी बॉलिंग में पुरानी वाली चमक दिखी. उनकी गेंदों में पहले सा टर्न था जो बल्लेबाजों को परेशान किया करता था. इनमें लखनऊ वनडे में एडन मार्करम को जिस तरह से उन्होंने बोल्ड किया उससे 2019 वर्ल्ड कप में बाबर आजम के विकेट की याद आ गई. यह देखकर लग रहा है कि एक बार फिर से युजवेंद्र चहल के साथ उनकी जोड़ी टीम इंडिया के लिए सफेद गेंद के क्रिकेट में धूम मचा सकती है.