भारतीय तेज गेंदबाज हर्षल पटेल के पास उमरान मलिक जैसी गति नहीं है. उनका मानना है कि अपने अतरराष्ट्रीय करियर को लंबा खींचने के लिए उन्हें अपने खेल की ‘विविधता’ को लगातार विकसित करना होगा. पिछले साल नवंबर में टी20 विश्व कप के बाद भारत की ओर से डेब्यू करने वाले हर्षल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छह महीने से अधिक समय में 11 मैच में 19.52 की औसत से 17 विकेट चटकाए हैं. धीमी गति की पिचें हर्षल की गेंदबाजी शैली के अधिक अनुकूल हैं और ऐसा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले दो मुकाबलों में जाहिर हुआ जबकि पहले मैच में फिरोजशाह कोटला पर वह काफी महंगे साबित हुए थे.
हर्षल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे टी20 की पूर्व संध्या पर कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो पिछले दो साल से (आईपीएल में) लोग यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि मैं कैसी गेंदबाजी करने की कोशिश कर रहा हूं. गेंदबाज को विरोधी खिलाड़ी जितना अधिक खेलेंगे उतना वे महसूस करेंगे कि गेंदबाज का मजबूत पक्ष और गेंदबाजी का तरीका क्या है. गेंदबाज के रूप में मेरा काम है कि मैं उनसे एक कदम आगे रहूं. आपके पास 15 तरह की योजनाएं हो सकती हैं लेकिन अगर किसी निश्चित दिन दबाव की स्थिति में अगर आप मैदान पर आत्मविश्वास के साथ योजना को लागू नहीं कर पाए तो तो सभी चीजें आपके पक्ष में नहीं होंगी.’
'मैं उमरान की स्पीड से नहीं फेंक सकता'
हर्षल ने कहा, ‘मेरा ध्यान हमेशा अपने गेंदबाजी कौशल में विकास करने पर होता है और इस दौरान मैं अपनी गेंदबाजी के मजबूत और कमजोर पक्षों पर ध्यान देता हूं.’ पिछले दो आईपीएल सीजन में हर्षल ने अच्छा खेल दिखाया. इसके बाद उन्हें भारतीय टीम में जगह मिली है. डेथ ओवर्स में उनकी बॉलिंग काफी कारगर है.