साल 2019 की बात है, भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दो टेस्ट की सीरीज हुई. इसमें भारतीय मूल के एक खिलाड़ी ने प्रोटीयाज टीम के लिए डेब्यू किया लेकिन प्रदर्शन उम्मीद के हिसाब से नहीं रहा. दो टेस्ट में केवल दो ही विकेट उसे मिले और टीम का सीरीज में सफाया हो गया. इसका नतीजा हुआ कि अगले चार साल तक उस खिलाड़ी को फिर से टेस्ट खेलने को नहीं मिला. उसे खुद भी लग गया कि अब दोबारा खेल पाना मुश्किल है. लेकिन साल 2025 में कहानी बदल गई. उसी खिलाड़ी ने भारत की धरती पर फिर से टेस्ट खेला और शतक ठोक दिया. यह खिलाड़ी है सेनुरन मुथुसामी.
मुथुसामी का भारत कनेक्शन
कुछ पीढ़ियों पहले मुथुसामी का परिवार तमिल नाडु के नागपट्टनम से साउथ अफ्रीका चला गया था. लेकिन यह खिलाड़ी कभी भी अपने मूल निवास पर नहीं गया. लेकिन संयोग से 2019 में पूर्वजों की धरती पर टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला था. मुथुसामी को केवल एक विकेट डेब्यू में मिला और वह भी विराट कोहली का. बस इसके अलावा पहले टेस्ट में वह कुछ खास नहीं कर पाए. दूसरे टेस्ट में फिर से खेलने का मौका मिला. इस बार वह केवल रवींद्र जडेजा को आउट कर सके.
मुथुसामी का कहना है कि उस दौरे के बाद लगा कि अब तो फिर से शायद ही कभी टेस्ट खेलने को मिले. उन्होंने बताया, 'मेरा सफर अजीब रहा है. 2019 में भारत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का स्वाद चखा. यहां डेब्यू (पदार्पण) हुआ फिर कुछ समय के लिए खो गया. क्रिकेट इस तरह की यात्रा है कि एक-एक दिन करके आगे बढ़ते हैं. आप ज्यादा आगे की सोचने के लिए नहीं देखते.'
मुथुसामी ने गुवाहाटी टेस्ट में शतक लगाने के बाद क्या कहा
मुथुसामी ने अपने दूसरे भारत दौरे पर कमाल किया. उन्होंने गुवाहाटी टेस्ट में साउथ अफ्रीका की पहली पारी में शतक लगाया. यह उनके करियर का पहला टेस्ट शतक रहा. इससे मेहमान टीम मजबूत स्थिति में पहुंच गई. मुथुसामी ने कहा, '2019 के बाद ऐसा समय भी था जब मुझे भरोसा नहीं था कि मैं फिर से टेस्ट क्रिकेट खेल सकूंगा. वह सीरीज गंवाने के बाद भारत में तो खेलने का बिल्कुल भी मौका नहीं था. इसलिए आभारी हूं कि घर पर इस तरह का सहयोग मिला. कोचेज, सपोर्ट स्टाफ सबने मदद की.'

