भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में प्लेइंग इलेवन में छह बाएं हाथ के बल्लेबाज शामिल किए. यह उसके 93 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार है जब इतने वामहस्त बल्लेबाज खेल रहे हैं. साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में भारतीय टीम ने यशस्वी जायसवाल, वाशिंगटन सुंदर, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव के रूप में छह बाएं हाथ के बल्लेबाज उतारे. दिलचस्प बात है कि साई सुदर्शन को बाहर किया गया और वे भी बाएं हाथ के बल्लेबाज ही थे. उनकी जगह ध्रुव जुरेल को लिया गया. अगर सुदर्शन खेल रहे होते तो सात वामहस्त बल्लेबाज होते.
शुभमन गिल के कप्तान बनने के बाद भारतीय टेस्ट टीम की प्लेइंग इलेवन में बाएं हाथ के बल्लेबाजों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने इंग्लैंड दौरे से कप्तानी संभाली थी. मैनचेस्टर में खेले गए चौथे टेस्ट में भारत ने पांच बाए हाथ के बल्लेबाज खिलाए थे. वह पहली बार था जब टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में पांच खब्बू बल्लेबाज थे. इसके बाद वेस्ट इंडीज के खिलाफ दिल्ली और अहमदाबाद टेस्ट में भी पांच-पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज प्लेइंग इलेवन में रहे.
भारत ने 1959-60 से जनवरी 2025 तक 4 ही खब्बू बल्लेबाज प्लेइंग इलेवन में रखे
शुभमन के कप्तान बनने से पहले तक भारत की टेस्ट प्लेइंग इलेवन में अधिकतम चार बाएं हाथ के बल्लेबाज ही खेले थे. ऐसा काफी बार हुआ. सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1959-60 के ब्रेबॉर्न टेस्ट में हुआ था. इसके बाद से 32 टेस्ट में भारत ने चार खब्बू बल्लेबाज प्लेइंग इलेवन में रखे.
भारत ने 2023 में आखिरी बार प्लेइंग इलेवन में एक बाएं हाथ का बल्लेबाज रखा था
भारत की टेस्ट प्लेइंग इलेवन में बहुत सारे टेस्ट में एक-एक बाएं हाथ का बल्लेबाज भी खेला है. 1932 में जब भारत ने पहला टेस्ट खेला था तब प्लेइंग इलेवन में एक ही खब्बू बल्लेबाज था. इस तरह का सबसे ताजा मामला 2023-24 के साउथ अफ्रीका दौरे पर सेंचुरियन टेस्ट में दिखा था. तब जायसवाल इकलौते बाएं हाथ के बल्लेबाज थे.

