भारतीय टीम के लिए ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा की नो बॉल सिरदर्द बन गए हैं. भारत और साउथ अफ्रीका के बीच गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में उनकी एक गेंद नो बॉल रही. यह साल 2025 में अभी तक की उनकी 14वीं नो बॉल है. साथ ही पिछले छह साल में 79वीं बार वे ओवरस्टेप (क्रीज से बाहर पैर) कर चुके हैं. पिछले कुछ सालों में रवींद्र जडेजा की लगातार इस तरह की गेंदें देखने को मिली है. एक स्पिनर से उम्मीद की जाती है कि वह कोई एक्स्ट्रा न दे. लेकिन जडेजा इस कमी पर काम नहीं कर पा रहे हैं.
जडेजा की नो बॉल की संख्या में साल 2019 के बाद से वृद्धि हुई है. इससे पहले मैदानी अंपायर ही नो बॉल देखा करता था. आईसीसी ने 2019 में यह जिम्मा थर्ड अंपायर को दे दिया. तब से जडेजा की नो बॉल पकड़ में आने लगी है. इसकी एक वजह यह है कि जडेजा जब बॉल कराते हैं तब उनका लैंडिंग पैर पहले हवा में आगे जाता है इसके बाद गेंद फेंकने से ठीक पहले लाइन पर गिरता है. लेकिन पूरा पैर नहीं आता. उनके पैर के आगे का हिस्सा ही नीचे रहता है. ऐसे में कई बार उनके पैर का आगे का हिस्सा लाइन से आगे ही रह जाता है.
2019 के बाद से सर्वाधिक नो बॉल फेंकने वाले बॉलर
जडेजा 2019 के बाद से टेस्ट में सर्वाधिक नो बॉल फेंकने वाले स्पिनर हैं. उनके बाद पाकिस्तान के नोमान अली का नाम आता है जिन्होंने 33 नो बॉल डाली है. जडेजा ने 2025 में 14 नो बॉल फेंकने से पहले 2024 में 21 और 2021 में 23 नो बॉल फेंकी थी. अगर 2019 से सबसे ज्यादा नो बॉल फेंकने वाले गेंदबाजों को देखा जाए तो सबसे ऊपर भारत के ही जसप्रीत बुमराह का नाम आता है. उनके बाद साउथ अफ्रीका के कगिसो रबाडा और इंग्लैंड के बेन स्टोक्स के नाम हैं.
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