भारत के धाकड़ तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का टेस्ट टीम इंडिया में सेलेक्शन नहीं हुआ. शमी ने रणजी ट्रॉफी के जारी सीजन के तीन मैच में 15 विकेट लेकर रेड बॉल से फिटनेस साबित की लेकिन इसके बावजूद उनका चयन नहीं हुआ तो शमी के बचपन के कोच मोहम्मद बदरुद्दीन ने कहा कि सीधे तौरपर सेलेक्टर्स उनको इग्नोर कर रहे हैं और वो पूरी तरह से खेलने के लिए फिट है.
सिंपल सी बात है कि वो सभी उसे नजरअंदाज कर रहे हैं. मुझे कोई और कारण समझ नहीं आता. वो अनफ़िट नहीं है. जब कोई खिलाड़ी रेड बॉल मैच खेल रहा और दो मैचों में 15 विकेट ले रहा है तो वो कैसे अनफ़िट हो सकता है.
बुमराह का वर्कलोड कम कर सकते हैं शमी
मोहम्मद बदरुद्दीन का मानना है कि जब टेस्ट टीम इंडिया के लिए सेलेक्शन होना है तो फिर उसका आधार रणजी ट्रॉफी होनी चाहिए. जबकि शमी अगर टीम इंडिया में होते तो वो बुमराह का भी वर्कलोड कम कर सकते हैं. बदरुद्दीन ने कहा,
सेलक्टर्स बस उसको नजरंदार कर रहे हैं और ऐसा क्यों हो रहा है बता नहीं सकते. मुझे सच में लगा था कि उसे साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में चुना जाएगा. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. उसके होने से बुमराह का वर्कलोड कम होता क्योंकि वो लगतगार साढ़े तीन साल टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सकते हैं. मेरे हिसाब से शमी को रोटेशन के लिए रखना चाहिए था. अगर आप टेस्ट टीम का चयन कर रहे हैं तो उसे रणजी क्रिकेट के आधार पर करना चाहिए. जिसमें शमी 15 विकेट पहले हीले चुके हैं. लेकिन सेलेक्टर्स टेस्ट के लिए टी20 के मैट्रिक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
शमी कितने टेस्ट खेल चुके हैं ?
सेलेक्टर्स का शमी के प्रति इस तरह का रवैया देखकर ही अब संकेत मिलने लगा है कि 35 साल के हो चुके इस तेज गेंदबाज का टेस्ट करियर शायद समाप्ति की तरफ बढ़ चुका है. शमी भारत के लिए अभी तक 64 टेस्ट मैचों में 229 विकेट ले चुके हैं.
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