दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का प्रदर्शन सवालों के घेरे में है. पहली पारी में टीम इंडिया सिर्फ 201 रन पर सिमट गई, जिसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 288 रनों की विशाल बढ़त हासिल की. मार्को यानसेन ने छह विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया. यशस्वी जायसवाल के अर्धशतक और वॉशिंगटन सुंदर व कुलदीप यादव के बीच 72 रनों की साझेदारी के बावजूद टीम बड़े स्कोर तक नहीं पहुंच सकी. इस प्रदर्शन के बाद टीम प्रबंधन और कोच गौतम गंभीर की रणनीतियों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जिसमें चार स्पिनरों को खिलाने का फैसला भी शामिल है. विशेषज्ञों ने टीम में असुरक्षा के माहौल, केएल राहुल की फील्डिंग और लगातार हो रहे बदलावों पर चिंता जताई है. यह भी तथ्य सामने आया है कि गंभीर के कार्यकाल में भारत घर पर उतने ही टेस्ट मैच हार चुका है, जितने पिछले तीन कोचों (द्रविड़, शास्त्री, कुंबले) के संयुक्त कार्यकाल में हारे थे.
10 साल, 2700 रन: केएल राहुल के इस आंकड़े से क्यों 'पैरों तले जमीन खिसक गई'?
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का प्रदर्शन सवालों के घेरे में है. पहली पारी में टीम इंडिया सिर्फ 201 रन पर सिमट गई, जिसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 288 रनों की विशाल बढ़त हासिल की. मार्को यानसेन ने छह विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया. यशस्वी जायसवाल के अर्धशतक और वॉशिंगटन सुंदर व कुलदीप यादव के बीच 72 रनों की साझेदारी के बावजूद टीम बड़े स्कोर तक नहीं पहुंच सकी. इस प्रदर्शन के बाद टीम प्रबंधन और कोच गौतम गंभीर की रणनीतियों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जिसमें चार स्पिनरों को खिलाने का फैसला भी शामिल है. विशेषज्ञों ने टीम में असुरक्षा के माहौल, केएल राहुल की फील्डिंग और लगातार हो रहे बदलावों पर चिंता जताई है. यह भी तथ्य सामने आया है कि गंभीर के कार्यकाल में भारत घर पर उतने ही टेस्ट मैच हार चुका है, जितने पिछले तीन कोचों (द्रविड़, शास्त्री, कुंबले) के संयुक्त कार्यकाल में हारे थे.
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