मोहाली (Mohali) के मैदान पर खेली गई ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की पारी को भुलाया नहीं जा सकता. लेकिन इससे भी स्पेशल तब हुआ जब पंत ने बेंगलुरु (Bengaluru) के मैदान पर ताबड़तोड़ अर्धशतक जड़ा और भारत को क्लीन स्वीप करवाने में मदद की. मोहाली के मैदान पर पंत अपने शतक से चूक गए थे लेकिन बेंगलुरु में उनका अंदाज कुछ अलग ही था. गेंद काफी ज्यादा स्पिन कर रही थी लेकिन पंत ने अपना नेचुरल गेम नहीं छोड़ा. वो लगातार गेंद पर हमला बोल रहे थे जहां अपनी पारी की दूसरी ही गेंद पर उन्होंने छक्का जड़ दिया. पंत के लिए वो काफी अहम रन थे. ऐसे में भारत और श्रीलंका सीरीज के दौरान अपने काबिल ए तारीफ प्रदर्शन के लिए पंत को मैन ऑफ द सीरीज के खिताब से नवाजा गया.
मैं सिर्फ आगे की सोचता हूं
मैन ऑफ दी सीरीज अवॉर्ड जीतने के बाद पंत ने कहा कि, "मुझे लगता है कि दोनों में (बल्लेबाजी और कीपिंग), आपको विकसित होते रहने की जरूरत है, मैंने अतीत में गलतियां की हैं और सुधार करते रहना चाहता हूं. यह मेरी मानसिकता में नहीं है, विकेट खेलना मुश्किल था, इसलिए मैंने सोचा कि मैं तेज रन की तलाश करूंगा. टीम प्रबंधन मुझसे (पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने पर) जो चाहता है, मैं वह करूंगा. मुझे लगता है कि यह आत्मविश्वास के बारे में अधिक है, पहले मैं बहुत ज्यादा सोचता था, अब मैं केवल हर गेंद पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं.
पहले ओवर में भी सबकुछ भांप लेता हूं
इस बीच, दिल्ली कैपिटल्स के उनके साथी अक्षर पटेल ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने अश्विन के साथ मिलकर श्रीलंका की टीम को पटरी से उतार दिया और दमदार प्रदर्शन किया. उन्होंने दो विकेट चटकाए और बाद में खुलासा किया कि लाइन पर गेंदबाजी करने से पहले वह विकेट का आकलन करते हैं. जब मैं टीम में तीसरा स्पिनर होता हूं तो मैं ज्यादा नहीं सोचता. मुझे पता है कि अश्विन और जडेजा काम पूरा करेंगे. मैं सिर्फ अपनी ताकत से खेलने की कोशिश करता हूं. जैसे ऐश भाई ने कहा, वह पहले गेंदबाजी करते हैं और हम इस बारे में बात करते हैं कि सतह पर गेंदबाजी करने के लिए सही गति क्या है. और इस तरह मैं अपना स्पेल शुरू करता हूं, अपनी ताकत से शुरू करता हूं और फिर एक ओवर के भीतर मुझे पता होता है कि मुझे क्या करना है.