अजिंक्य रहाणे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 में धूम मचाए हुए हैं. मुंबई के लिए खेल रहे इस बल्लबाज ने आठ मैच की सात पारियों में 170 के आसपास की स्ट्राइक रेट से 432 रन उड़ा दिए. इससे उनकी टीम फाइनल में पहुंच चुकी है. अजिंक्य रहाणे ने पिछली तीन पारियों में 98, 84 और 95 रन बनाए हैं. 36 साल का यह बल्लेबाज भारत के घरेलू टी20 टूर्नामेंट में गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द साबित हुआ है. वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. इस खेल के जरिए रहाणे फिर से भारतीय टीम में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि अभी भी दिल में भारत के लिए खेलने की आग जल रही है.
रहाणे ने टी20 फॉर्मेट में आतिशी खेल को लेकर कहा, यह माइंडसेट बदलने की बात है. जिस तरह से यह फॉर्मेट पूरी दुनिया में बदला है, उसके चलते निडर और आजादी से खेलना अहम है. मेरा खेल हमेशा से टाइमिंग से जुड़ा था. मैं ज्यादा मजबूत नहीं हूं तो पावर हिटिंग नहीं कर सकता. मेरे लिए गेंद को टाइम करना जरूरी होता है. भले ही मैं 190-200 की स्ट्राइक रेट से खेल रहा हूं लेकिन यह क्लासिकल बैटिंग ही रहती है. इसमें पावर हिटिंग नहीं होती.
रहाणे बोले- सीएसके में खेलने से खुला दिमाग
रहाणे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के इस सीजन में 19 छक्के अभी तक लगा चुके हैं. उन्होंने कहा कि आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ खेलने से उनका दिमाग खुला. रहाणे ने बताया, जब मैं सीएसके के लिए खेला तो उन्होंने मुझे प्लेटफॉर्म दिया और आजादी से खेलने को कहा. संदेश साफ था कि जाओ और अपना खेल खेलो. मैं आक्रामक बल्लेबाज हूं. जब मैंने रणजी ट्रॉफी डेब्यू किया तो मैं कई शॉट खेला करता था. इसलिए मेरा खेल वैसा ही था. लेकिन जब मैं जब दूसरी फ्रेंचाइज के लिए खेला तब मेरा रोल अलग था. राजस्थान रॉयल्स में एंकर रोल था. लेकिन सीएसके में साफ संदेश था.
रहाणे ने नहीं छोड़ी टीम इंडिया में वापसी की उम्मीद
रहाणे 36 साल के हो चुके हैं और आखिरी बार 2023 में वेस्ट इंडीज दौरे पर भारत के लिए खेले थे लेकिन वह घरेलू क्रिकेट में मेहनत करते हुए फिर से नेशनल टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा, मैंने टेस्ट डेब्यू से पहले घरेलू क्रिकेट में लाल गेंद के छह सीजन खेले थे. मुझे अभी भी खेल से प्यार हैं. मैं खेल को लेकर अभी जूनुन रखता हूं और भारत की ओर से खेलने की आग अभी भी अंदर जल रही है.
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