बीसीसीआई को मिला नया बॉस, अब जाएगी चेतन शर्मा की कुर्सी! टी20 वर्ल्ड 2022 पर टिकी है किस्मत

बीसीसीआई को मिला नया बॉस, अब जाएगी चेतन शर्मा की कुर्सी! टी20 वर्ल्ड 2022 पर टिकी है किस्मत

राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा की किस्मत अधर में लटकी हुई है क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) जल्द ही ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के बाद इसमें फेरबदल कर सकता है. टीम चयन के मामले में हाल के दिनों में चेतन और उनके पैनल के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं रही है. अगर वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का हाल अच्छा नहीं रहा तो चेतन शर्मा की छुट्टी हो सकतीहै.

 

बीसीसीआई के अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत टी 20 विश्व कप में कैसा प्रदर्शन करता है. बोर्ड में ज्यादातर लोग चेतन से बहुत खुश नहीं हैं. लेकिन वह तब तक बने रहेंगे जब तक बीसीसीआई नयी क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का चयन नहीं करता.’

 

देबाशीष मोहंती की जाएगा कुर्सी!

चेतन को अपने भविष्य के बारे के जानने के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा लेकिन  पूर्व क्षेत्र के प्रतिनिधि देबाशीष मोहंती को कुछ महीनों में अपना पद छोड़ना होगा क्योंकि वह जूनियर और सीनियर चयन समिति में कुल चार साल पूरे करेंगे. इस अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘अभय कुरुविला के साथ लागू हुआ नियम मोहंती पर भी लागू होगा. देबू (मोहांती) को 2019 की शुरुआत में जूनियर पैनल में सीओए द्वारा शामिल किया गया था और देवांग गांधी का कार्यकाल पूरा होने पर वह सीनियर समिति में आये थे.’ कुछ महीनों में मोहंती के चार साल पूरे हो जाएंगे तो उन्हें जाना होगा. देखना होगा कि उन्हें पहले ही मुक्त कर दिया जाएगा या बाद में.

 

ये लोग हैं दावेदार

ईस्ट जोन में हालांकि सेलेक्टर की पोस्ट के लिए पात्र टेस्ट क्रिकेटर नहीं हैं. ओडिशा से आने वाले पूर्व ओपनर शिव सुंदर दास और बंगाल के विकेटकीपर बल्लेबाज दीप दासगुप्ता दावेदार हैं. इनके अलावा बंगाल के राणादेब बोस का नाम भी है वे अभी जूनियर नेशनल सेलेक्टर हैं. लेकिन उन्होंने भारत के लिए कोई आधिकारिक मैच नहीं खेला. बंगाल के लक्ष्मी रतन शुक्ला और ओडिशा के संजय राउल ने भारत के लिए वनडे खेले हैं. वे भी पात्र हैं.

 

अभय कुरुविला के जाने के बाद से पश्चिम जोन की सीट भी खाली है. पिछली बार अजीत अगरकर उनकी जगह चुने जाने के दावेदार थे लेकिन वे अपनी ही स्टेट यूनिट मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की आपत्ति के बाद सेलेक्टर नहीं बन पाए थे.