चेतेश्वर पुजारा ने 24 अगस्त को क्रिकेट से संन्यास ले लिया. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस बारे में जानकारी दी. चेतेश्वर पुजारा 2023 के बाद से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे. हालिया इंग्लैंड सीरीज के बाद साफ हो गया था कि उनकी वापसी अब मुश्किल है. इस सीरीज में वे बतौर कमेंटेटर काम करते दिखे थे. हालांकि कुछ महीनों तक पुजारा कह रहे थे कि वह वापसी के लिए कोशिश कर रहे हैं. इस बल्लेबाज की पहचान टेस्ट स्पेशलिस्ट के तौर पर रही. उन्होंने भारत के लिए वनडे में केवल पांच मैच खेले जबकि टी20 इंटरनेशनल में कभी मौका नहीं मिला.
पुजारा को टेस्ट स्पेशलिस्ट के टैग के चलते लिमिटेड ओवर्स की भारतीय टीम में ज्यादा तवज्जो नहीं मिली. उनका लिस्ट ए क्रिकेट में कमाल का रिकॉर्ड रहा है. 130 लिस्ट ए मैचों में 57 की औसत से 5759 रन बनाए और 16 शतक व 34 अर्धशतक इस फॉर्मेट में लगाए. वहीं टी20 क्रिकेट में भी 71 मैच खेले और एक शतक व नौ फिफ्टी से 1556 रन बनाए. मगर भारत के लिए पांच वनडे खेलने को मिले जो 2013 से 2014 के दौरान रहे. उनके सभी वनडे मुकाबले भारत से बाहर रहे जिनमें उन्होंने 10.20 की औसत से 51 रन बनाए.
पुजारा ने 2021 में एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर उन्हें वनडे में ज्यादा मौके दिए जाते या थोड़े लंबे समय तक खिलाया जाता तो वह इस फॉर्मेट में बेहतर बल्लेबाज होते. कुछ मौकों के बाद उन्हें निकाल दिया गया. उन्हें जो पांच वनडे खेलने को मिले उनमें से दो 2013 में थे तो 2014 में तीन खेले. इनके बीच में लगभग एक साल का अंतर रहा.
चेतेश्वर पुजारा ने वनडे करियर पर क्या कहा था
पुजारा ने हाल ही में दी लल्लनटॉप से बातचीत में वनडे करियर को लेकर बात की थी. तब उन्होंने कहा था कि उन पर टेस्ट खेलने का ठप्पा लग गया और इसके बाद दूसरे फॉर्मेट में लिया नहीं गया. लेकिन इस टैग को हटाने के लिए वह अपने टेस्ट करियर को दांव पर नहीं लगा सकते थे. इसलिए टेस्ट से फोकस नहीं हटा सकता था. कई कोचेज से भी बात की लेकिन किसी ने भी नहीं कहा कि टेस्ट खेलने वाला वनडे नहीं खेल सकता.