चेतेश्वर पुजारा ने खिलाड़ी के तौर पर क्रिकेट करियर पर विराम लगाते हुए 24 अगस्त को संन्यास का ऐलान कर दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस बारे में जानकारी दी. चेतेश्वर पुजारा ने 2010 में भारत के लिए डेब्यू किया था और 2023 में आखिरी बार खेले. उन्होंने कहा कि हर अच्छी चीज का अंत होता है वैसे ही क्रिकेट करियर पर भी विराम लग रहा है. हालांकि इस बल्लेबाज ने हाल ही में खुद को रणजी ट्रॉफी 2025-26 के लिए उपलब्ध बताया था. वह सौराष्ट्र की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलते रहे हैं. पुजारा ने 'आज तक' से बातचीत में बताया कि क्योंकि अचानक से संन्यास लेकर घरेलू क्रिकेट से हटने का फैसला किया.
पुजारा से जब पूछा गया कि उन्होंने रणजी के लिए खुद को उपलब्ध किया था तो फिर संन्यास क्यों लिया, क्या सेलेक्टर्स की तरफ से कोई मैसेज आया. भारत के पूर्व क्रिकेटर ने कहा, 'यह मेरा निजी फैसला था. मैंने देखा कि यह सही समय है. युवा खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में मौका मिलना चाहिए. पहले मैंने सोचा था कि मैं यह रणजी सीजन खेलूंगा लेकिन मुझे लगा कि युवा खिलाड़ियों को मौका मिला तो वह जल्दी से तैयार हो जाएंगे. इसलिए यह निजी फैसला था. जहां तक बात भारतीय टीम से बाहर रहने की थी उस बारे में मैं ज्यादा बात नहीं करूंगा. मेरे लिए यह यादगार दिन है. मैंने भारत के लिए जो मैच खेले, जो सीरीज खेली वह मेरे लिए मायने रखती हैं.'
पुजारा को करियर में कोई अफसोस है?
पुजारा ने कहा कि करियर की समाप्ति के बाद उन्हें किसी तरह का कोई अफसोस नहीं है. कई सालों तक भारत के लिए खेलने का मौका मिला. 2009 और 2011 में जो बड़ी चोटों का सामना किया और इसके बाद भी भारत के लिए खेला. इस बारे में मैंने कभी सोचा नहीं था. इसलिए इसका आभारी हूं.
चेतेश्वर पुजारा ने संन्यास का ऐलान करते हुए क्या कहा
पुजारा ने कहा, ‘‘राजकोट के छोटे से शहर से एक छोटे लड़के के रूप में मैंने अपने माता-पिता के साथ सितारों में शामिल होने का लक्ष्य बनाया और भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने का सपना देखा. मुझे तब पता नहीं था कि यह खेल मुझे इतना कुछ देगा. इस खेल ने मुझे अमूल्य अवसर, अनुभव, उद्देश्य, प्यार और सबसे बढ़कर अपने राज्य और इस महान राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया. भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान गाना और हर बार मैदान पर कदम रखते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करना – इसका वास्तविक अर्थ शब्दों में बयां करना असंभव है. लेकिन जैसा कि सभी चीजों का अंत होता है और मैंने भी भारतीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का निर्णय लिया है.’