दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन डीडीसीएएक बार फिर सुर्खियों में है. खबर है कि एक अंडर-19 क्रिकेटर को बैकअप विकेटकीपर के तौर पर टीम में चुना गया, जबकि उसने कभी विकेटकीपिंग नहीं की. दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, यह चयन एक सीनियर डीडीसीए अधिकारी के दबाव में हुआ. 3 अक्टूबर को वीनू मांकड़ ट्रॉफी के लिए 23 खिलाड़ियों की टीम चुनी गई थी. इसमें 22वें खिलाड़ी के नाम ने सबको चौंका दिया. इसके बाद डीडीसीए के कुछ अधिकारियों ने बोर्ड के अध्यक्ष रोहन जेटली से इसकी शिकायत की.
चयन समिति की बैठक
यह विवाद तब और बढ़ गया जब डीडीसीए के सचिव अशोक शर्मा ने अध्यक्ष रोहन जेटली को एक पत्र लिखा. उन्होंने अंडर-23 और रणजी ट्रॉफी टीमों के चयन के लिए हुई बैठक में तीन डायरेक्टर्स की मौजूदगी पर आपत्ति जताई. शर्मा के अनुसार, हर्ष सिंगला, आनंद वर्मा और मंजीत सिंह ने बैठक में शामिल होने की जिद की और बाहर जाने से मना कर दिया.
शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "डायरेक्टर्स को चयन समिति की बैठक में शामिल होने की इजाजत नहीं है. फिर भी, हर्ष सिंगला, आनंद वर्मा और मंजीत सिंह मीटिंग रूम में आए और शामिल होने की मांग की. जब उन्होंने बाहर जाने से इनकार किया, तो मुझे बैठक स्थगित करनी पड़ी. मैंने डीडीसीए अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया है."
चयन प्रक्रिया पर सवाल
शर्मा ने अपने पत्र में चयन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा, "हाल की चयन प्रक्रिया से डीडीसीए की चयन समिति के कामकाज पर सवाल उठे हैं. बीसीसीआई के नियमों के खिलाफ, कुछ सदस्यों ने अपनी भूमिका से बाहर जाकर चयन समिति की स्वतंत्रता और विश्वसनीयता को कमजोर किया है. हम आपसे अनुरोध करते हैं कि चयन प्रक्रिया की समीक्षा की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि यह बीसीसीआई के नियमों का पालन करे. आज की बैठक में कुछ डायरेक्टर्स की मौजूदगी से पक्षपात आशंका बढ़ती है. खासकर, एक डायरेक्टर की मौजूदगी तब और चिंताजनक है, जब उनका कोई पारिवारिक सदस्य चयन के लिए उम्मीदवार है."