नई दिल्ली। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल 2021 में सबसे धाकड़ तेज गेंदबाजी करने वाले मिचेल स्टार्क को साल का सर्वश्रेष्ठ पुरुष क्रिकेटर के अवार्ड से नवाजा है. ऐसे में अवार्ड से समानित होने के बाद स्टार्क ने कहा कि जब उनके पिता कैंसर से जूझ रहे थे और उनकी मृत्यु हो गई थी. उस समय वह अपना ध्यान पूरी तरह से क्रिकेट में नहीं लगा पा रहे थे. जिसके चलते उन्होंने क्रिकेट को छोड़ने तक का मन बना लिया था.
स्टार्क को मिला एलेन बॉर्डर पुरस्कार
स्टार्क ने एलेन बॉर्डर पुरस्कार हासिल करने के बाद ‘फॉक्सस्पोर्ट्स' से कहा, ‘‘निश्चित रूप से पिछला साल मैदान के अंदर और बाहर बहुत ही मुश्किल रहा. मैं शायद उस तरह का क्रिकेट नहीं खेल रहा था जो मैं खेलना चाहता था और एक समय ऐसा भी था जब मैं शायद बिलकुल भी क्रिकेट नहीं खेलना चाहता था.’’
कैंसर के चलते नहीं रहे पिता
गौरतलब है कि घर में तमाम समस्याओं से लड़ते हुए भी स्टार्क ने क्रिकेट का मैदान नहीं छोड़ा और 2020-21 टेस्ट सीरीज में भारत के खिलाफ लचर प्रदर्शन के बावजूद क्रिकेट में बने रहने में सफल रहे. हालांकि इसके बाद कैंसर के कारण अपने पिता को गंवा दिया और फिर दमदार वापसी की. जिसके बाद हाल ही में संपन्न हुई एशेज सीरीज में इंग्लैंड पर 4-0 की जीत के दौरान वह टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से एक रहे. स्टार्क सभी पांचों एशेज टेस्ट खेले और उन्होंने 19 विकेट झटके.