ऋतुराज गायकवाड़ ने यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर की नाकामी की भरपाई करते हुए 184 रन की शानदार पारी खेली जिससे वेस्ट जोन ने दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल के पहले दिन सेंट्रल जोन के खिलाफ छह विकेट पर 363 रन बनाकर वापसी की. दिन का खेल खत्म होने पर तनुश कोटियान (नाबाद 65) और शारदुल ठाकुर (नाबाद 24) बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ‘बी’ मैदान पर क्रीज पर डटे थे.
गायकवाड़ ने 184 रन बनाए
गायकवाड़ ने इसके बाद आर्य देसाई के साथ तीसरे विकेट के लिए 90 रन की अहम साझेदारी की और वेस्ट जोन की टीम को वापसी दिलाने की कोशिश की. गायकवाड़ ने अर्धशतक 85 गेंद में पूरा किया लेकिन दोपहर के सत्र में उन्होंने 131 गेंद में 100 रन पूरे किए और इस तरह दूसरा अर्धशतक केवल 51 गेंद में पूरा हुआ. गायकवाड़ ने सेंट्रल जोन के बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष दुबे और ऑफ स्पिनर सारांश जैन के खिलाफ आसानी से रन बटोरे. उन्होंने लेट कट और स्क्वायर कट का बेहतरीन इस्तेमाल किया और इन क्षेत्र में 15 चौके सहित लगभग 100 रन बनाए.
इससे स्पिनरों को सीधी लाइन अपनाने पर मजबूर होना पड़ा और धीमी पिच पर महाराष्ट्र के बल्लेबाजों एक या दो रन लेने में ज़्यादा परेशानी नहीं हुई. वेस्ट जोन की टीम इसके बार फिर मुश्किल में घिर गई जब उन्होंने आर्य (39), श्रेयस (25) और शम्स मुलानी (18) के विकेट जल्दी-जल्दी गंवा दिए जिससे टीम का स्कोर पांच विकेट पर 179 रन हो गया. अय्यर को पहली ही गेंद पर जीवनदान मिला जब हर्ष दुबे की गेंद पर खलील ने डीप में कैच छोड़ दिया. वह अच्छी लय में दिख रहे थे लेकिन खलील की गेंद पर लेट कट खेलने की कोशिश में बोल्ड हो गए.
गायकवाड़ को इसके बाद कोटियान के रूप में उम्दा जोड़ीदार मिला. दोनों ने छठे विकेट के लिए 148 रन की साझेदारी की जिससे सेंट्रल जोन की टीम बैकफुट पर आ गई. गायकवाड़ हालांकि जब अपने पहले फर्स्ट क्लास दोहरे शतक की ओर बढ़ रहे थे तो स्पिनर जैन की गेंद पर चमका खाकर विकेटकीपर उपेंद्र यादव के हाथों स्टंप हो गए. कोटियान ने इसके बाद कप्तान शारदुल के साथ मिलकर टीम को और झटके नहीं लगने दिए.