नई दिल्ली। ज़िम्बाब्वे के लिए 17 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले पूर्व खिलाड़ी ब्रेंडन टेलर ने क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया है. द जेंटलमैन गेम कहे जाने वाले इस खेल को कैसे कुछ लोग बाहर से कलंकित करने का प्रयास करते हैं. इसके बारे में टेलर ने आपनी आप-बीती अब दुनिया के सामने रखी है. टेलर ने बड़ा खुलासा करते हुए यह भी माना कि उनके खिलाफ आईसीसी जो भी एक्शन लेगी वो उसके लिए तैयार हैं लेकिन द जेंटलमैन गेम को वह कलंकित नहीं कर सकते हैं. टेलर ने सोशल मीडिया में खुलासा करते हुए बताया कि कैसे भारतीय कारोबारियों ने ज़िम्बाब्वे से उन्हें बुलाया और फिर कोकीन का सेवन कराकर उन्हें स्पॉट फिक्सिंग के लिए ब्लैकमेल किया. चलिए पढ़ते हैं इस खिलाड़ी के चार पन्नो के स्टेटमेंट के कुछ मूल अंश कि कैसे टेलर इस जाल में फंसे.
पिछले दो साल से बोझ तले दबे थे टेलर
टेलर ने ट्वीटर पर चार पन्नो में आपनी आप-बीती बताई और लिखा कि मै पिछले 2 साल से बोझ ढो रहा हूं जो मुझे बहुत ही अन्धकार में ले गया था और इसका मेरे मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है. मैंने हाल ही में अपने करीबी दोस्तों और परिवार के साथ इस घटना को जब साझा करना शुर किया तो उन्होंने मुझे काफी समर्थन दिया और मेरी स्थित को समझा भी. जिसके चलते मैं यह सब सबके सामने ला सका.
भारत में हुई थी घटना
साल 2019 अक्टूबर में एक भारतीय कारोबारी ने जिम्बाब्वे में T20 इवेंट कराने और उसके स्पॉन्सरशिप पर चर्चा करने के लिए मुझे इंडिया बुलाया. इस तरह उन्होंने भारत आने के लिए मुझे पैसे भी दिए. ऐसे में अचानक एक भारतीय कारोबारी की दिलदारी पर मुझे हैरानी भी हुई. लेकिन मैं क्या करता क्योंकि पिछले 6 महीन से ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने हमें पैसे नहीं दिए थे और तंगी चल रही. इसलिए मैंने सोचा शायद इससे सब बदल जाएगा.
ऐसे रखी स्पॉट फिक्सिंग की मांग
मुझे $15,000 अमरीकी डालर दिए गए (करीब 19 लाख रुपये) थे, लेकिन बताया गया था कि यह अब स्पॉट फिक्सिंग के लिए एक 'जमा राशि' है और काम के पूरा होने के बाद अतिरिक्त $20,000 (करीब 14 लाख रुपये) का भुगतान किया जाएगा. मैंने पैसे लिए ताकि मैं हवाई जहाज पर चढ़ सकूं और भारत छोड़ सकूं. मुझे लगा कि उस समय मेरे पास कोई विकल्प नहीं था क्योंकि स्पष्ट रूप से ना कहना कोई विकल्प नहीं था. मुझे बस इतना पता था कि मुझे वहां से निकलना है. जब मैं घर लौटा तो उस के तनाव ने मेरे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया था. जिससे मुझे हार्ड एंटी-साइकोटिक दवा - एमिट्रिप्टिलाइन का सेवन करने को कहा गया था.
आईसीसी के दरवाजे पहुंचे टेलर
कारोबारी अपने निवेश पर रिटर्न चाहता था जो मैं नहीं दे सकता था और न ही देता. मुझे इस अपराध की रिपोर्ट करने और आईसीसी से बातचीत करने में 4 महीने लगे. मैं स्वीकार करता हूं कि यह बहुत लंबा समय था लेकिन मैंने सोचा कि मैं सभी की रक्षा कर सकता हूं और विशेष रूप से परिवार. मैंने अपनी शर्तों पर आईसीसी से संपर्क किया और मुझे उम्मीद थी कि अगर मैंने अपनी दुर्दशा, हमारी सुरक्षा और भलाई के लिए अपने वास्तविक भय के बारे में बताया, तो वे देरी को समझेंगे. दुर्भाग्य से, उन्होंने ऐसा नहीं किया, लेकिन मैं इस संबंध में अज्ञानता का बहाना नहीं बना सकता. मैंने वर्षों में कई भ्रष्टाचार विरोधी सेमिनारों में भाग लिया है और हम जानते हैं कि रिपोर्ट बनाते हुए समय का कितना महत्व है. मैं बस कहना चाहता हूं कि मैं कभी भी किसी भी तरह के मैच फिक्सिंग में शामिल नहीं रहा. मैने भले ही बहुत सी चीजें की हों लेकिन मैं धोखेबाज नहीं हूं. क्रिकेट जैसे खूबसूरत खेल के लिए मेरा प्यार किसी भी खतरे से कहीं बढ़कर है और जो मेरे रास्ते में आ सकता है.
सजा के लिए हूं तैयार
आईसीसी से संपर्क करने के परिणामस्वरूप मैंने कई साक्षात्कारों और कार्यक्रमों में भाग लिया और मैं उनकी जांच के दौरान उतना ही ईमानदार और पारदर्शी था जितना मैं हो सकता था. अंदर और बाहर से मैं खुद को कोस रहा था और कहा जा रहा है कि आईसीसी मेरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर कई साल का प्रतिबंध लगाने का फैसला कर रहा है. मैं विनम्रतापूर्वक इस निर्णय को स्वीकार करता हूं और केवल यह आशा करता हूं कि मेरी कहानी का उपयोग क्रिकेटरों को किसी भी दृष्टिकोण की जल्द रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहन के साधन के रूप में प्रेरित करे.
मुझे अपने किये पर खेद है
मैं यह भी आशा करता हूं कि मेरी कहानी सुनने पर कई लोगों को प्रेरणा और सीख भी मिलेगी, जिसकी उन्हें आवश्यकता है. मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि आगे आकर बात करने से मुझे इस कलंक से इतनी राहत मिलेगी, जिसे मैंने सालों से पाल रखा था. ड्रग्स और नशीले पदार्थ भेदभाव नहीं करते हैं. इस कहानी को समाप्त करते हुए अंत में बताना चाहता हूं कि मुझे उन लोगों के लिए खेद है जिन्हें मैंने चोट पहुंचाई और निराश किया है.