पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने घरेलू क्रिकेट को लाइमलाइट में लाने के लिए बीसीसीआई को गजब की सलाह दी है. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में विदेशी खिलाड़ियों को खिलाने की सलाह दी है, जिससे घरेलू क्रिकेट में लोगों की दिलचस्पी बनी रहे और प्लेयर की भी रूचि इसमें खेलने के लिए बने रहे. स्पोर्ट्स तक से बातचीत करते हुए सिद्धू ने रोटेशन पॉलिसी और फॉर्मेट स्पेशलिस्ट को लाने की बात की. उन्होंने घरेलू क्रिकेट की बेहतरी के लिए लॉन्ग टर्म गोल पर बात करते हुए कहा
भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे अच्छी जो हो सकती है, वो ये कि आईपीएल के लिए काफी खिलाड़ी अप्लाय करते हैं. उनमें देखों कि कौन टेस्ट फॉर्मेट खेलने वाला खिलाड़ी है. केन विलियमसन, बेन स्टोक्स, डेविड वॉर्नर, जेम्स एंडरसन जैसे पलेयर्स को कहो. रणजी ट्रॉफी के लिए जो आठ टीमें क्वालीफाई करती है, टॉप 8 टीमें, उसमें तीन तीन विदेशी प्लेयर को खेलने दो. फिर देखो घरेलू क्रिकेट में कैसे लाइमलाइट आएगा. फिर देखो कि कैसे घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा मिलेगा.
इस दौरान उन्होंने विराट कोहली और रोहित शर्मा को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा-
बढ़ती उम्र के साथ आपके रिफ्लेक्सस धीमे पड़ जाते हैं. ये गेम ही रिफ्लेक्शन का है. सचिन तेंदुलकर जब अंत में गए तो उनका कंधा दिक्कत देने लग गया था. विराट कोहली की खासियत उनकी फिटनेस है. वीरेन्द्र सहवाग इतने डोमीनेटिंग क्रिकेटर थे लेकिन जब चश्मा लगा तो उसके बाद फिर आगे नहीं जा सके. इसलिए उम्र के साथ हर एक चीज ढलती है और जो बना है. उसे एक न एक दिन ढहना है. वहीं अनमोल खिलाड़ी है, बस वो अपनी फिटनेस पर ध्यान दें.
रोहित- कोहली का किया सपोर्ट
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में रोहित और कोहली बुरी तरह से फ्लॉप रहे थे. ऐसे में दोनों को घरेलू क्रिकेट खेलने की सलाह मिली थी. कोहली 2012 और रोहित 2016 के बाद से घरेलू क्रिकेट नहीं खेले, जिस वजह से उनकी आलोचना हो रही है, मगर सिद्धू का कहना है कि पूरे साल तो खिलाड़ी देश के लिए टेस्ट, वनडे , टी20 खेलते रहते हैं. उनका शेड्यूल इतना बिजी है. जो थोड़ा समय मिलता है, वो परिवार के साथ तो बिताएंगे. ऐसे में घरेलू क्रिकेट वो कब खेलेंगे.