ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर से कमेंटेटर बने माइकल स्लेटर को घरेलू हिंसा समेत कई मामलों में चार साल की जेल की सजा सुनाई गई है,लेकिन एक साल से अधिक की सजा भुगत चुके होने के कारण उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा. एबीसी स्पोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार जेल में रहने के कारण स्लेटर को 'आंशिक रूप से निलंबित' सजा दी गई.
55 साल के स्लेटर पर घरेलू हिंसा, अवैध रूप से पीछा करने या धमकाने, रात में घर में घुसने, सामान्य हमला, शारीरिक नुकसान पहुंचाने के लिए हमला और गला घोंटने या दम घुटने सहित एक दर्जन से अधिक अपराधों के आरोप लगाए गए हैं. प्रॉसिक्यूशन ने अदालत को बताया कि शराब के नशे में वह बार बार अपराध दोहरा रहा था, जिससे उसका व्यवहार और भी अनिश्चित हो गया.
रिपोर्ट में कहा गया-
अदालत ने सुना कि स्लेटर ने खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी,क्योंकि उसने पीड़िता को उत्पीड़न की रिपोर्ट ना करने की चेतावनी दी थी और वह स्लेटर के व्यवहार से काफी डरी हई महसूस कर रही थी.
पीड़िता की पहचान रिपोर्ट में नहीं बताई गई है,लेकिन कहा गया है कि वह क्वींसलैंड के नूसा इलाके की थी और 2023 से यह सब सहन कर रही थी. स्लेटर को जज ग्लेन कैश की ओर से भी चेतावनी दी गई.जज ने कहा कि उनका रिहैब आसान नहीं होगा. कैश ने कहा-
आपका रिहैब आसान नहीं होगा - शराब आपकी आदत का हिस्सा है.
स्लेटर का करियर
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने 1993 से 2003 के बीच 74 टेस्ट और 42 वनडे खेले हैं. साल 1993 में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. 42 वनडे मैचों में उनके नाम 24.07 की औसत से 987 रन हैं. मार्च 1997 के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था. हालांकि टेस्ट खिलाड़ी के तौर पर उनका करियर लंबा रहा.74 टेस्ट मैचों में उन्होंने 131 पारियों में 42.83 की औसत से 5312 रन बनाए.उनके नाम 14 शतक और 21 अर्धशतक है. उन्होंने आखिरी टेस्ट मैच इंग्लैंड की धरती पर 2001 में एशेज में खेला गया था.
ये भी पढ़ें: