इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए चौथे टेस्ट मैच के दूसरे दिन के खेल के बाद भारत के गेंदबाज़ी प्रदर्शन और रणनीतिक फैसलों की तीखी आलोचना की है. ऋषभ पंत के शानदार प्रदर्शन के बावजूद मेहमान टीम अपनी रणनीतियों को लागू करने में नाकाम रही. पंत पहले दिन पैर की अंगुली में चोट के कारण 37 रन पर रिटायर्ड हर्ट हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने दूसरे दिन क्रीज पर वापसी की और दर्द से जूझते हुए 75 गेंदों पर 54 रनों की जुझारू पारी खेली. उनकी पारी की बदौलत भारत ने 358 रनों का स्कोर खड़ा किया.
हालात थोड़े बदले हैं, लेकिन उन्होंने बहुत खराब गेंदबाजी की. ओवरहेड कंबोज की स्थिति बदलने से आप विकेट के दोनों तरफ गेंदबाजी नहीं कर सकते. पैड्स पर बहुत सारी गेंदें आईं, सच कहूं तो कप्तान के फैसले से मैं पूरी तरह सहमत नहीं था. कंबोज एक हफ्ते पहले टीम में नहीं थे, इसलिए उन्हें टीम में लाना और सिराज से पहले नई गेंद देना अजीब लगता है.
मैं थोड़ी देर के लिए सिराज को चुनता, फिर बुमराह के बाद उन्हें दूसरे छोर पर भेज देता. हम सभी इस पार की पिच पर ग्रीन चैनल के बारे में बात कर रहे थे, यही वह छोर है, जहां (बेन) स्टोक्स ने गेंदबाजी की और फाइफर लिया और असमान उछाल और साइडवे मूवमेंट मिला. जो कुछ भी गलत हो सकता था, वह गलत हो गया है.
हुसैन ने आगे कहा-
ऋषभ पंत आज एक पैर पर खड़े होकर खेले और उन्होंने अहम रन बनाए. उन्होंने वो रन इंग्लैंड को वापस दे दिए.
जैक क्रॉली और बेन डकेट की सिर्फ 32 ओवरों में 166 रनों की साझेदारी ने इंग्लैंड को मैनचेस्टर में बढ़त दिला दी है. स्टंप्स तक इंग्लैंड दो विकेट पर 225 रन बनाकर मज़बूत स्थिति में था. वह भारत की पहली पारी से सिर्फ 133 रन ही पीछे है.