गौतम गंभीर और मनोज तिवारी के बीच कनेक्शन काफी पुराना है. आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) का ड्रेसिंग रूम शेयर करने से लेकर 2015 में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान हुए विवाद तक दोनों ने सब कुछ देखा है. गंभीर अब टीम इंडिया के हेड कोच हैं और वो बुरे दौर से गुजर रहे हैं. गंभीर को हाल में टेस्ट मैचों में खराब नतीजों के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पिछले आठ टेस्ट मैचों में से छह मैच गंवाए, जिसका परिणाम ये निकला कि टीम इंडिया पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैपियनशिप के फाइनल में पहुंचने से चूक गई.
हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार तिवारी ने कहा-
परिणाम देखने को मिलते हैं.जब आप अपने छोटे से कार्यकाल में तीन सीरीज हार जाते हैं.आप बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हार जाते हैं और सबसे अहम बात यह है कि आप न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज हार जाते हैं.यह एक बड़ी हार थी, क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.बहुत सी बातें खुद ही बोलती हैं.न्यूजीलैंड से घरेलू सीरीज में हारना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है.अपने छोटे से करियर में, आप श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज भी हार गए. हार-जीत खेल का हिस्सा है, लेकिन परिणाम खुद ही सब कुछ बयां कर देते हैं.आपको इन हार के पीछे के कारणों को देखना होगा.
आपको समझना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी चीजें जारी न रहें.वह उन परिणामों को क्यों नहीं दे पाए,जिसकी उनसे उम्मीद की गई थी? राहुल द्रविड़ को उन्होंने रिप्लेस किया.राहुल द्रविड़ ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन किसी तरह वह आगे नहीं बढ़ पाए और यह पूरी तरह से कोचिंग में अनुभव की कमी के कारण है.
गंभीर ने 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स को चैंपियन बनाया था, जिसके बाद वो जुलाई में टीम इंडिया के कोच बने.वो आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटॉर भी रह चुके थे. तिवारी ने गंभीर की योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोचिंग और मेंटरिंग बिल्कुल अलग-अलग चीजें हैं और इन्हें एक ही नहीं समझना चाहिए.
गंभीर को क्यों बताया पाखंडी?
तिवारी ने खुद का बचाव करते हुए गंभीर को 'पाखंडी' कहा.उन्होंने गंभीर के पुराने इंटरव्यू का हवाला दिया,जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को विदेशी कोच नियुक्त करने पर विचार नहीं करना चाहिए. तिवारी ने कहा कि गंभीर का उनके शब्दों से मेल नहीं खाते, क्योंकि उन्होंने खुद रयान टेन डोशेट और मोर्ने मोर्कल को सहायक कोच और गेंदबाजी कोच के रूप में नियुक्त किया. उन्होंने कहा-
दिल्ली में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान जब गौतम गंभीर ने मुझसे झगड़ा किया था तो सभी ने गौतम गंभीर के मुंह से निकली हर बात सुनी थी.चाहे वह सौरव गांगुली के बारे में बुरा बोल रहे हो या मेरे परिवार के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल किया हो, उन्हें कुछ लोगों ने बचाया हुआ था.मैं इसी पीआर की बात कर रहा हूं.खिलाड़ियों को चुनने और उन्हें प्लेइंग इलेवन में चुनने की प्रक्रिया ठीक से नहीं हो रही है.हर्षित राणा के लिए आकाश दीप को बाहर कर दिया गया.अगर आपको लगता है कि हर्षित इतने अच्छे हैं तो आपने उन्हें बाकी की सीरीज के लिए क्यों नहीं रखा?
गौतम गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया को पहले घर में न्यूजीलैंड के हाथों तीन मैचों की सीरीज 03 से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी हार का सामना करना पड़ा.