भारत के कप्तान मोहम्मद अमान ने अंडर 19 एशिया कप में सोमवार को तूफानी पारी खेली. जापान के खिलाफ टूर्नामेंट के 8वें मैच में कप्तान अमानने 118 गेंदों पर नॉटआउट 122 रन बनाए. जिसमें उन्होंने 7 चौके लगाए. उनकी बड़ी पारी के दम पर भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 50 ओवर में 6 विकेट 339 रन बना दिए. अमान ने अपनी सेंचुरी 106 गेंदों में पूरी की. इस शतक के बाद हर तरफ उनकी चर्चा हो रही है.
अमान को चैंपियन कहा जा रहा है. दरअसल उन्होंने उस दौर से निकलकर शतक ठोका, जहां ज्यादातर लोगों की हिम्मत टूट जाती है. अमान की भी एक समय हिम्मत जवाब देने लगी थी, मगर उन्होंने हार नहीं मानी और चट्टान की तरह मुश्किल समय में खड़े रहे.
16 की उम्र में माता-पिता को खोया
दरअसल 16 साल की उम्र में अमान के सिर से मां- पिता का साया उठ गया था, जिसके बाद उनके सिर पर तीन छोटे भाई बहनों की जिम्मेदारी आ गई. ऐसे में वो क्रिकेट छोड़कर नौकरी करना चाहते थे, ताकि अपने दो भाई और एक बहन का पालन पोषण कर सके. सहारनपुर के रहने वाले 18 साल के अमन ने साल 2020 में कोविड के दौरान अपनी मां को खो दिया था. इसके दो साल बाद उनके पिता मेहताब ने भी लंबी बीमारी के बाद दुनिया को अलविदा कह दिया.
मां- पिता के निधन के बाद उन पर दो भाई और एक बहन की जिम्मेदारी आ गई. उस वक्त उनके पास सिर्फ दो ही विकल्प थे. या तो वो क्रिकेट खेलना जारी रखे या फिर अपने सपने को भूलकर नौकरी करें. वो अपने कोच से कपड़े की दुकान पर नौकरी लगवाने के लिए भी कहते थे. इसके बाद बीसीसीआई वाइस प्रेसीडेंट राजीव शुक्ला और सहारनपुर क्रिकेट एसोसिएशन ने उनकी हर संभव कोशिश की, जिस वजह से वो अब अपने सपने को जी रहे हैं. क्रिकेट खेलकर वो पैसे कमा रहे हैं, जिससे उन्हें अपने भाई बहनों का पालन पोषण करने में मदद मिल रही है.
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