भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली के लिए सात साल पहले एक भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई बच्चे ने पोस्टर बनाया था. इसमें लिखा था, 'विराट, आप मेरी प्रेरणा हो. मुझे 2025 में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए देखना.' 2018 में जब कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने पहली बार ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट सीरीज जीती थी तब यह पोस्टर सामने आया था. अब सात साल बाद वह बच्चा ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा बन चुका है. उसने 21 सितंबर को ऑस्ट्रेलिया अंडर 19 टीम की ओर से डेब्यू किया. इस खिलाड़ी का नाम है आर्यन शर्मा. उन्होंने इंडिया अंडर 19 टीम के खिलाफ पहले वनडे मुकाबले में 10 रन बनाए.
आर्यन शर्मा चंडीगढ़ के रहने वाले हैं. 2005 में उनका परिवार ऑस्ट्रेलिया चला गया था. दो साल बाद आर्यन का जन्म हुआ. 2018 में जब वह 11 साल के थे तब वह कोहली के लिए पोस्टर बनाकर लेकर गए थे क्योंकि वह उनके पसंदीदा क्रिकेटर हैं. मेलबर्न में खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट में उन्होंने वह पोस्टर बनाया था. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने cricket.com.au से कहा, 'मुझे पता नहीं कि मैंने यह साल ही क्यों चुना. लेकिन यह मेरा सपना था. अब 2025 में भगवान की कृपा, मेरे परिवार और कोच के समर्थन और बरसों की कड़ी मेहनत से मेरा ऑस्ट्रेलियन अंडर 19 टीम में सेलेक्शन हो गया.'
आर्यन शर्मा का कोहली से मिलने का है सपना
आर्यन का सपना है कि वह विराट कोहली से मिलें. वे इसको लेकर अक्टूबर-नवंबर में भारतीय टीम के दौरे से उम्मीद लगाए बैठे हैं. उन्होंने कहा, 'विराट कोहली मेरे पसंदीदा क्रिकेटर हैं. मैंने हमेशा से उनसे प्रेरणा ली है. अगर मुझे उनसे मिलने का मौका मिला और बात कर पाया तो यह अद्भुत अनुभव होगा. जिस तरह से उन्होंने भारतीय क्रिकेट पर असर डाला है उससे मुझे प्रेरणा मिलती है. मैं ऐसा ही काम ऑस्ट्रेलिया के लिए करना चाहता हूं.'
आर्यन शर्मा का परिवार कब गया ऑस्ट्रेलिया
आर्यन बैटिंग ऑलराउंडर हैं. उन्होंने परिवार के ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट होने के बारे में बताया, 'मेरे पिता (रमन शर्मा) पहली बार 2000 में अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए ऑस्ट्रेलिया आए. फिर वह 2005 में ऑस्ट्रेलिया मूव कर गए. मेरे माता-पिता हमेशा कहते थे कि एक देश से दूसरे में शिफ्ट करना चुनौतीभरा होता है. मेरे परिवार के लिए ऑस्ट्रेलियाई तरीके में ढलना आसान नहीं था लेकिन ऑस्ट्रेलिया में मौजूद रिश्तेदारों के समर्थन से मदद मिली. मुझे महसूस हुआ कि असली चुनौती मेरे लिए नहीं बल्कि परिवार के लिए थी. उन्होंने काफी कुर्बानी दी है. मेरे पिता मुझे ट्रेनिंग और मैचों के लिए लेकर जाते थे. ऐसे में मां और मेरे भाई-बहनों को वे समय नहीं दे पाते थे.'