साउथ अफ्रीका क्रिकेट शोक में डूब गया है. साउथ अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज रॉन ड्रेपर ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. वह सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर थे. साउथ अफ्रीका के गेकेबरहा में 98 साल और 63 दिन की उम्र में उनका निधन हुआ. वह ओपनर बल्लेबाज थे और अपने पेशेवर करियर के दौरान कभी-कभी उन्होंने विकेटकीपिंग भी की थी. उन्होंने 1950 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में साउथ अफ्रीकी टीम का प्रतिनिधित्व किया था.
अब नील हार्वे 96 साल की आयु में सबसे बुजुर्ग जीवित टेस्ट क्रिकेटर बन गए हैं. नील हार्वे का सामना ड्रेपर ने अपने करियर के दौरान किया था. ड्रेपर से पहले पिछले दो सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर नॉर्मन गॉर्डन और जॉन वॉटकिंस थे. दोनों साउथ अफ्रीकी थे. गॉर्डन का निधन 2016 में 103 साल की उम्र में और जॉन वॉटकिंस का 2021 में 98 साल की उम्र में निधन हो गया था.
रॉन ड्रेपर का करियर
ड्रेपर ने 1945 में ईस्टर्न प्रोविंस के लिए अपने 19वें जन्मदिन पर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू पर शतक बनाया.उन्होंने 1946-47 में ईस्टर्न प्रोविंस के लिए विकेटकीपिंग की भूमिका भी निभाई. उनके नाम 48 फर्स्ट क्लास मैचों की 85 पारियों में 11 सेंचुरी और 11 हाफ सेंचुरी थी. उन्होंने 3290 रन बनाए थे, जिसमें 177 रन की पारी उनके करियर की सबसे बड़ी पारी थी. अपने करियर में उन्होंने 32 कैच और 10 स्टंप किए थे.
वह 1949-50 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई साउथ अफ्रीकी XI के विकेटकीपर थे. जल्द ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ईस्टर्न प्रोविंस के लिए ओपनिंग करते हुए 86 रन बनाए. साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले तीन टेस्ट मैच गंवा दिए थे, जिसके बाद चौथे मैच के लिए ड्रेपर को शामिल किया गया. उस मैच में ड्रेपर सहित चार प्लेयर्स ने साउथ अफ्रीका के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया. ड्रेपर ने उस मैच में 15 रन बनाए और मैच ड्रॉ हो गया. पांचवें टेस्ट में उन्होंने 7 और 3 रन बनाए और साउथ अफ्रीका पारी से वह मैच हार गया था. इसके बाद उन्हें साउथ अफ्रीका की तरफ से फिर कभी कोई टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिल पाया.
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