भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने साफ कर दिया है कि उन्हें किसी ने भी इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के लिए मजबूर नहीं किया था. यह उनका निजी फैसला था. अश्विन ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था. उन्होंने पिछले साल ब्रिस्बेन में 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा करके क्रिकेट की दुनिया को चौंका दिया था.
किसी ने मुझसे नहीं कहा कि तुम्हें संन्यास ले लेना चाहिए. किसी ने मुझसे नहीं कहा कि टीम में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है. सच्चाई यह है कि संन्यास का फैसला करने से पहले दो-तीन लोगों ने मुझे ऐसा करने से मना किया था, लेकिन मैंने अपना फैसला लिया. असल में वे चाहते थे कि मैं और खेलूं.
रोहित और गंभीर ने अश्विन से क्या कहा था?
उन्होंने कहा-
रोहित शर्मा (तत्कालीन कप्तान) ने भी मुझे इस बारे में फिर से सोचने को कहा था. गौती भाई (गौतम गंभीर) ने भी मुझे दोबारा सोचने को कहा था, लेकिन मैंने इस बारे में (संन्यास के बारे में) अजीत अगरकर (चयन समिति के अध्यक्ष) से ज्यादा बात नहीं की.
अश्विन ने कहा-
जब खेल से संन्यास लेने की बात आती है तो यह निजी फैसला होता है और मेरा फैसला भी निजी था.
उनके इस बयान से उन अटकलों पर विराम लग दिया है कि टीम मैनेजमेंट ने उन्हें यह फैसला लेने के लिए मजबूर किया था.
आर अश्विन भारत के लिए कितने टी20 मैच खेले?
आर अश्विन भारत के लिए 65 टी20 मैच खेले, जिसमें 23.22 की औसत और 6.90 की इकॉनमी से 72 विकेट लिए. 19 पारियों में 184 भी बनाए.