भारत के 12 सालों में लगातार 18 घरेलू टेस्ट सीरीज जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड था. घरेलू टेस्ट सीरीज में भारत के दबदबे की सबसे बड़ी वजह आर अश्विन भी रहे. जिन्होंने इन 12 सालों में मेहमान टीमों की धज्जियां उड़ाई, मगर बीते दिनों न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया के घर में चले आ रहे जीत के सफर को रोक दिया था. तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड ने भारत का व्हाइटवॉश कर दिया था. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारत पहली बार तीन मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज में एक भी मैच नहीं जीत पाया. टीम इंडिया की इस करारी हार से आर अश्विन काफी निराश हैं. उन्होंने इस सीरीज में तीन मैचों में महज 9 विकेट लिए थे.
38 साल के अश्विन ने इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए स्वीकार किया कि घरेलू टीम के शर्मनाक प्रदर्शन के पीछे वो भी एक बड़ी वजह थे. गेंदबाजी के अलावा उन्होंने माना कि निचले क्रम में बल्ले से रन बनाने में उनकी विफलता ने टीम की हार में बराबर का योगदान दिया. अपने यूट्यूब चैनल पर अश्विन ने कहा-
न्यूजीलैंड से 3-0 की हार ने हमें झकझोर कर रख दिया है. मैंने पढ़ा है कि इतिहास में भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ. मुझे नहीं पता कि इस पर कैसा रिएक्ट करना चाहिए. मैं जानता हूं कि मेरे करियर और क्रिकेट में मेरे अनुभव में जब हम खेलते हैं तो हमारे अंदर इतने इमोशंस नहीं होते, मगर ये एक बहुत ही तोड़ने वाला अनुभव है. इसके लिए यही सही शब्द है. पिछले 2-3 दिनों से मैं नहीं जानता था कि इस पर कैसे रिएक्ट करूं.
गेंदबाज के लिए रन बनाना अहम
अश्विन ने आगे कहा-
मैं खुद से बहुत उम्मीद करता हूं. मैं ऐसा व्यक्ति हूं, जो कहता है कि जो कुछ भी गलत हुआ, उसका कारण मैं हूं. मैं भी इसका एक बड़ा कारण हूं और इसका एक बड़ा हिस्सा हूं (सीरीज हार). मैं निचले क्रम के रन बनाने में योगदान नहीं दे सका. मैं एक गेंदबाज के रूप में जानता हूं कि गेंदबाज के लिए रन बहुत अहम करेंसी है. मैंने कई जगहों पर अच्छी शुरुआत की, फिर मैंने कुछ मौकों पर इसे खो दिया. मैंने अपना बेस्ट दिया, लेकिन ये काफी नहीं था.
बांग्लादेश के खिलाफ अश्विन की बैटिंग काफी चर्चा में रही थी. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में सेंचुरी लगाई थी, मगर वो न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में अपने उस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाए. उन्होंने छह पारियों में 8.50 की औसत से सिर्फ 51 रन बनाए थे.
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