नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका के खिलाफ हाल ही में संपन्न हुई टेस्ट सीरीज के बाद जैसे ही भारत के विराट कोहली ने टेस्ट कप्तानी से इस्तीफे का ऐलान किया. तबसे क्रिकेट जगत में उनके अचानक से भारत की टेस्ट कप्तानी छोड़ने को लेकर दिग्गजों की बयान बाजी जारी है. कुछ का कहना है कि कोहली ने टेस्ट कप्तानी छोड़कर सही फैसला किया तो कुछ का मानना है कि उन्हें अभी कुछ और समय तक भारत की टेस्ट कप्तानी करते रहना चाहिए था. ऐसे में 7 साल तक टेस्ट टीम इंडिया की कप्तानी करने वाले कोहली के बारे में उनके साथ भारत के कोच रहे रवि शास्त्री ने स्पोर्ट्स तक से ख़ास बातचीत में कहा कि कोहली को अभी दो साल तक और टेस्ट टीम का कप्तान बने रहना चाहिए था. जिससे अगर उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 50 से 60 जीत होती तो इस आंकड़े को कई लोग हजम नहीं कर पाते.
सचिन और धोनी की तरह कोहली ने भी छोड़ी कप्तानी
शास्त्री ने आगे सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी का उदाहरण देते हुए कहा, "जब सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी कप्तानी का आनंद नहीं उठा रहे थे तो वे छोड़कर चले गए. इसी तरह, जब विराट ने सोचा कि उसने 40 मैच जीते हैं और पिछले करीब 6 साल से कप्तान था और अब वह अपने क्रिकेट का आनंद लेना चाहता है. वह अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते हैं और दबाव छोड़ना चाहता है तो उन्होंने ऐसा फैसला किया. ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है. सुनील गावस्कर, कपिल देव और सचिन तेंदुलकर ने अपने खेल पर ध्यान देने के लिए कप्तानी छोड़ी तो विराट के दिमाग में भी यही बात थी."