रविचंद्रन अश्विन ने बुधवार को आईपीएल से संन्यास की घोषणा कर दी, जिससे इस टूर्नामेंट से उनका 16 साल का सफर खत्म हो गया है. 38 साल के ऑफ स्पिनर ने यह फैसला दिसंबर में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के कुछ महीने बाद लिया है. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपने संन्यास का ऐलान किया और फ्यूयर को लेकर बात की. उन्होंने पोस्ट किया-
मैं सभी फ्रेंचाइजियों को सालों से मिली शानदार यादों और रिश्तों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, और सबसे अहम बात आईपीएल और बीसीसीआई को, जो उन्होंने मुझे अब तक दिया है, उसके लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. आगे जो भी है मैं उसका आनंद लेने और उसका पूरा लाभ उठाने के लिए उत्सुक हूं.
अश्विन ने अपने सोशल मीडिया पर कहा कि विभिन्न लीगों में खेल के एक्सप्लोरर के रूप में उनका समय आज से शुरू हो रहा है, जिससे माना जा रहा है कि वह यूएई की आईएलटी20, साउथ अफ्रीका की एसए20, ऑस्ट्रेलिया बिग बैश (बीबीएल), इंग्लैंड की द हंड्रेड और यूएसए की मेजर लीग क्रिकेट (एमएलसी) समेत दुनिया भर की लीगों में खेलने के लिए तैयार हैं.
संन्यास लिए बिना विदेशों में खेलना नामुमकिन
अश्विन के लिए दुनिया भर की लीगों में खेलना उस समय संभव नहीं होता, जब वह चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा थे और किसी भी तरह से भारतीय क्रिकेट से जुड़े थे. बीसीसीआई के नियमों के अनुसार इंटरनेशनल क्रिकेट, डोमेस्टिक क्रिकेट, आईपीएल से संन्यास लेने वाले भारतीय पुरुष खिलाड़ी ही विदेशी टी20 लीग में खेल सकते हैं.
अश्विन का आईपीएल करियर
साल 2009 में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ आईपीएल में डेब्यू करने वाले अश्विन ने उसी टीम के साथ अपना सफर समाप्त किया. 221 मैचों के आईपीएल करियर के दौरान उन्होंने 30.22 की औसत से 187 विकेट लिए, जिसमें उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 4/34 रही. उन्होंने बल्ले से भी योगदान दिया, 50 के उच्चतम स्कोर और 13.02 की औसत के साथ 833 रन बनाए. अपने पूरे आईपीएल सफर के दौरान, अश्विन ने चेन्नई सुपर किंग्स, राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स, पंजाब किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स सहित कई टीमों के लिए खेले.