ICC ने टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए रोहित शर्मा को दी अहम जिम्मेदारी, पूर्व भारतीय कप्तान अब इस रोल में आएगा नजर

ICC ने टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए रोहित शर्मा को दी अहम जिम्मेदारी, पूर्व भारतीय कप्तान अब इस रोल में आएगा नजर

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रोहित शर्मा को आईसीसी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है

रोहित को टी20 वर्ल्ड कप 2026 का ब्रैंड एंबेसडर बनाया गया है

पूर्व भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को साल 2026 के टी-20 वर्ल्ड कप का ब्रैंड एंबेसडर बना दिया गया है. यह ऐलान मंगलवार शाम को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने किया. जय शाह ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि 2024 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाले और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाले कप्तान रोहित शर्मा को आने वाले टी-20 वर्ल्ड कप का ब्रैड एंबेसडर बनाया जा रहा है.” इसका ऐलान आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2026 के शेड्यूल ऐलान के दौरान किया गया.

रोहित की कप्तानी में भारत ने जीता था खिताब

बता दें कि, रोहित शर्मा और उनकी टीम ने 2024 में टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया. 2013 के बाद भारत का कोई आईसीसी खिताब नहीं आया था, ऐसे में लंबे इंतजार को उन्होंने खत्म कर दिया. रोहित की शानदार कप्तानी, विराट कोहली का धैर्य और जसप्रीत बुमराह की शानदार तेज गेंदबाजी ने मिलकर कमाल कर दिया. फाइनल मैच बेहद रोमांचक था, लेकिन टीम ने हिम्मत नहीं हारी और जीत हासिल की.

रोहित का रिकॉर्ड

रोहित शर्मा ने टी-20 इंटरनेशनल में भारत के लिए ढेर सारे रन बनाए हैं. उन्होंने कुल 4231 रन बनाए हैं, जिसमें उनकी औसत 32 की रही है और स्ट्राइक रेट लगभग 141 का. वो दुनिया के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने दो बार पुरुष टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे. पहली बार 2007 में, जब सबसे पहला टी-20 वर्ल्ड कप हुआ था, और दूसरी बार अभी 2024 में. 2007 में उन्होंने पहली बार टी20 वर्ल्ड कप खेला था. इस दौरान वो पूरे टूर्नामेंट में एक बार भी आउट नहीं हुए और 88 रन बनाए. साउथ अफ्रीका के खिलाफ 50 और फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 30 रन नॉटआउट ठोके.

लेकिन 2024 का वर्ल्ड कप उनके लिए सबसे खास रहा क्योंकि इस बार वो खुद कप्तान थे और टीम को चैंपियन बनाया. रोहित ने इस दौरान भी बल्ले से धमाल मचाया. पूरे टूर्नामेंट में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 257 रन बनाए, वो भी 157 के स्ट्राइक रेट से. 2024 वर्ल्ड कप जीतते ही रोहित ने टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया. इसी जीत ने भारत की सीनियर टीम के 11 साल के आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म किया था.