रोहित शर्मा,यशस्वी जायसवाल समेत टीम इंडिया के पांच धुरंधरों के रणजी ट्रॉफी के दूसरे लेग में मुंबई के लिए फ्लॉप रहने के बाद 8वें नंबर के खिलाड़ी ने अजिंक्य रहाणे की टीम की लाज बचाई. अगर 8वें नंबर के खिलाड़ी का बल्ला नहीं चलता तो सबसे ज्यादा 42 बार इस टूर्नामेंट को जीतने वाली मुंबई के लिए जम्मू कश्मीर के खिलाफ पहली पारी में 100 रन तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता. टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी मुंबई की टीम ने 33.2 ओवर में 120 रन पर ऑलआउट हो गई. मुंबई की तरफ से टीम इंडिया के पांच धुरंधर भी इस मैच में मैदान पर उतरे, मगर वो सस्ते में पवेलियन लौट गए.
10 साल बाद रणजी ट्रॉफी खेल रहे रोहित 19 गेंदों में महज तीन रन ही बना पाए. जबकि ओपनर यशस्वी जायसवाल चार रन ही बना पाए. उनके अलावा कप्तान रहाणे के बल्ले से 12 रन निकले. श्रेयस अय्यर भी 11 रन ही बना पाए, जबकि शिवम दुबे तो अपना खाता तक नहीं खोल पाए.
शार्दुल ने बचाई लाज
मुंबई ने एक समय अपने सात विकेट 17.2 ओवर में 47 रन पर गंवा दिए थे, जिसके बाद शार्दुल ठाकुर ने फिफ्टी लगाकर डिफेंडिंग चैंपियन मुंबई के स्कोर को 100 के पार पहुंचाया. उन्होंने 57 रन पर 51 रन बनाए. अपनी पारी में उन्होंने 5 चौके और दो छक्के लगाए. उनके अलावा तनुष कोटियान ने 36 गेंदों में 26 रन बनाए. शार्दुल के रूप में मुंबई का आखिरी विकेट गिरा. शिवम दुबे, शम्स मुलानी,मोहित अवस्थी और कर्ष मुंबई के तीन बल्लेबाज तो अपना खाता तक नहीं खोल पाए. इस मुकाबले में हर किसी को भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने काफी उम्मीद थी, जो 2015 के बाद पहली बार रणजी मैच खेलने मैदान पर उतरे. वो पहली पारी में अपनी खराब फॉर्म को पीछे नहीं छोड़ पाए.
रोहित की एक दशक बाद वापसी
रोहित पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पांच पारियों में वो सिर्फ 31 रन ही बना पाए थे. खराब फॉर्म के चलते रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के आखिरी टेस्ट से खुद को बाहर भी कर लिया था. उनकी गैरमौजूदगी में जसप्रीत बुमराह ने सिडनी में टीम इंडिया की कप्तानी की थी. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब फॉर्म के कारण रोहित को संन्यास तक की सलाह मिलने लगी थी. उनसे कप्तानी छोड़ने की मांग की जाने लगी थी. खराब फॉर्म के बाद वो रणजी ट्रॉफी मैच खेलने उतरे, जो 10 साल में उनका पहला रणजी ट्रॉफी मैच था.
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