टीम इंडिया से बाहर चल रहे सरफराज खान वापसी के लिए खेल रहे यह लीग, बोले- जब गावस्कर और सचिन जैसे दिग्गज...

टीम इंडिया से बाहर चल रहे सरफराज खान वापसी के लिए खेल रहे यह लीग, बोले- जब गावस्कर और सचिन जैसे दिग्गज...
Sarfaraz Khan in this frame

Story Highlights:

सरफराज खान ने हाल ही में काफी वजन कम किया है.

सरफराज खान मुंबई की कांगा लीग में खेल रहे हैं.

सरफराज खान ने साल 2024 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था.

सरफराज खान भारत की टेस्ट टीम से बाहर हैं. उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए नहीं चुना गया था. सेलेक्टर्स के इस फैसले पर सवाल भी उठे थे. सरफराज ने इस बीच फिटनेस पर काम किया और काफी वजन घटा लिया. अब वह मुंबई की कांगा लीग में खेल रहे हैं. इसके जरिए वह भारत के आगामी घरेलू क्रिकेट और इंटरनेशनल मैचों के लिए खुद को तैयार रख रहे हैं. सरफराज ने कांगा लीग में पार्कोफोन क्रिकेटर्स की तरफ से खेलते हुए इस्लाम जिमखाना टीम के खिलाफ 42 गेंद में 61 रन की पारी खेली.

सरफराज ने कांगा लीग में खेलने के बारे में मिड डे अखबार से बात करते हुए कहा, 'बचपन के दिनों में मैंने पिता से काफी कहानियां सुनी हैं कि किस तरह एक बार सुनील गावस्कर इंग्लैंड से लौटने के ठीक बाद कांगा लीग मैच खेलने उतरे थे. इसलिए मुशीर और मुझे इस टूर्नामेंट में खेलने में हमेशा गर्व महसूस होता है. पिछली शाम (शनिवार) को नागपुर से लौटते समय हमें लग रहा था कि बारिश होगी. लेकिन सुबह में थोड़ी बारिश ही हुई. जब हम इस्लाम जिमखाना पहुंचे तो मौसम अच्छा था. मैंने अपना आखिरी कांगा लीग मैच तीन साल पहले खेला था. इस मैच से पहले मैं लीग के रिकॉर्ड्स से जुड़ी किताब देख रहा था तो उसमें 2018 में शतक लगाने के लिए मेरा नाम था. यह देखकर बढ़िया लगा.'

क्या है कांगा लीग 

 

सरफराज का कहना है कि मुंबई के सभी खिलाड़ियों को इस लीग में खेलना चाहिए. होरमसजी कांगा के नाम से यह लीग शुरू हुई थी और 1948 में इसका आगाज हुआ था. यह टूर्नामेंट आमतौर पर मानसून के दिनों में होता है. ऐसे में इस दौरान पिचों में नमी होती है जिससे रन बनाना आसान नहीं रहता. अब इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी इससे दूर ही रहते हैं.

सरफराज की मुंबई के क्रिकेटर्स से कांगा लीग खेलने की अपील

 

सरफराज इस रवैये से सहमत नहीं है. उनका कहना है कि मुंबई के सभी खिलाड़ियों को कांगा लीग खेलनी चाहिए. कुछ खिलाड़ियों को लगता है कि यहां नाकाम रहने से उनके भविष्य पर बुरा असर पड़ सकता है. लेकिन अगर गावस्कर सर और सचिन तेंदुलकर सर इसी तरह से सोचते तो वे शायद लेजेंड नहीं बन पाते. अगर बड़े खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेलते हैं तो इससे शहर के युवाओं को प्रेरणा मिलेगी. कांगा लीग इस तरह का टूर्नामेंट है जहां अगर सफलता मिली तो फिर दुनिया में कहीं पर भी रन बनाए जा सकते हैं.