टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर हर मुद्दे पर अपनी बात रखते हैं. लेजेंड्री भारतीय क्रिकेटर कभी भी किसी विवाद पर बोलने से पीछे नहीं हटते. चाहे एडमिनिस्ट्रेशन हो या विराट कोहली गावस्कर अपना पक्ष जरूर रखते हैं. ऐसे में अब गावस्कर ने नए गेंदबाजों को ललकारा है. गावस्कर बल्लेबाजों को लेकर हमेशा सॉफ्ट रहते हैं लेकिन गेंदबाजों को लेकर उन्होंने कहा है कि इन लोगों ने क्रिकेट का मजाक बना दिया है.
भारतीय क्रिकेट के लिटिल मास्टर ने पिछले महीने ही अपना 75वां जन्मदिन मनाया था. ऐसे में गावस्कर को ये बिल्कुल पसंद नहीं आता जब कोई बल्लेबाज अपना विकेट फेंक देता है. या फिर मैदान पर तेजी से रन नहीं लेता. ऐसे में अब गावस्कर को गेंदबाजों के जरिए हर समय लिए जाने वाली ड्रिंक्स ब्रेक पसंद नहीं आ रही है. उन्होंने कहा है कि गेंदबाज तुरंत फील्डिंग के वक्त कुछ न कुछ पी लेता है.
गावस्कर ने स्पोर्ट्स्टार के कॉलम में कहा है कि क्रिकेट में जिस तरह से नए गेंदबाज अभ्यास कर रहे हैं वो सही नहीं है. बाउंड्री लाइन पर ओवर खत्म करते ही आप रिफ्रेशिंग ड्रिंक पीते हो. इससे पता चलता है कि अथॉरिटी ने प्रैक्टिस के दौरान आंखों पर काली पट्टी बांधी थी. ऐसे में ड्रिक्स ब्रेक की जरूरत ही क्या है जब कोई गेंदबाज 6 गेंद फेंकते ही पानी पी लेता है. बैटर को तो यहां ये सब करने का मौका नहीं मिलता जब वो दौड़क रन बनाता है.
अंपायरों पर भी बोल चुके हैं हमला
बता दें ये पहली बार नहीं है जब गावस्कर ने इस तरह के मामले को लेकर अपनी आवाज उठाई है. इससे पहले साल 2011 में भी उन्होंने आईसीसी पर हमला बोला था जब ये कहा गया था कि अगर बल्लेबाज चोटिल हो जाता है तो भी वो रनर नहीं लगा सकता. गावस्कर ने पानी ब्रेक को लेकर हाल के मैचों का उदाहरण देते हुए कहा कि आईपीएल 2023 में मोहित शर्मा को पानी भेजा गया था जिसके बाद उनकी लय खराब हो गई थी. पिछले कुछ सालों में अंपायरों ने खिलाड़ियों पर दया दिखाई है. कई बार ड्रेसिंग रूम से मैसेज करने के दौरान कोई खिलाड़ी बैटर के पास पहुंचता है और उसे पानी पिला देता है. ऐसे में गावस्कर ने अंपायरों को सतर्क रहने के लिए कहा है.
उन्होंने कहा कि क्रिकेट स्टैमिना का गेम है. चाहे कोई भी फॉर्मेट हो आपको अपनी ताकत दिखानी होगी. गावस्कर ने कहा कि इन्हें उस जमाने में जाना चाहिए जब खेल के हर घंटे बाद ही आप ड्रिंक्स ले सकते थे लेकिन इस दौरान आपको अंपायर और विरोधी कप्तान की परमिशन की जरूरत पड़ती थी. लेकिन अंपायर ने जैसे ही दूसरी तरफ देखा ये ट्रेंड बन गया और अब ड्रिंक्स के नाम पर मजाक बन चुका है. तीसरे अंपायर और मैच रेफरी को भी ये देखना चाहिए कि रिजर्व खिलाड़ी यहां मैदान पर खेल रहे खिलाड़ी या फील्डर को पानी न दे.
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