यशस्वी जायसवाल के बड़े भाई तेजस्वी जायसवाल ने पिछले सप्ताह रणजी ट्रॉफी में करियर की पहली फर्स्ट क्लास फिफ्टी लगाई. त्रिपुरा की ओर से खेलते हुए उन्होंने बड़ौदा के खिलाफ यह कमाल किया. तेजस्वी 27 साल के हो चुके हैं और उन्होंने इसी सीजन से रणजी डेब्यू किया है. छोटे भाई यशस्वी को क्रिकेटर बनाने के लिए उन्होंने खेल से दूरी बना ली थी और परिवार चलाने पर ध्यान देने लगे थे. उन्होंने दिल्ली में एक दुकान पर सेल्समैन का काम किया था. अब बड़ौदा के खिलाफ जब उन्होंने 82 रन की पारी खेली तब उन्हें यशस्वी का मैसेज आया जिसमें काफी इमोशनल बात कही गई थी.
तेजस्वी ने दी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में यशस्वी से मिले मैसेज के बारे में बताया. इसमें लिखा था, 'तुने सब के लिए किया, अपने सपनों को छोड़ा, बहुत सेक्रिफाइस किया, अभी तुम्हारा टाइम है, एन्जॉय करो.' तेजस्वी ने एक्सप्रेस से बातचीत में अपने सफर के बारे में कहा, 'मैं भी क्रिकेट खेलना चाहता था लेकिन हमारे परिवार के आर्थिक हालात ठीक नहीं थे. यशस्वी अच्छा कर रहा था... इसलिए 2013 के आखिर में मैंने मुंबई और क्रिकेट छोड़ दिया. मैं दिल्ली आ गया और यहां पर एक रिश्तेदार दुकान चलाते थे.'
2012 और यशस्वी और तेजस्वी दोनों उत्तर प्रदेश के भदोही से मुंबई क्रिकेटर बनने के लिए गए थे. दोनों आजाद मैदान में एक टेंट में रहे. लेकिन एक साल बाद ही तेजस्वी ने सपना छोड़ दिया और दिल्ली चले गए. यहां पर वे साउथ एक्सटेंशन में सजावटी लाइट की दुकान पर काम करने लगे. यहां से जो कमाई होती उससे वे तेजस्वी को पॉकेट मनी भेजा करते थे. तेजस्वी ने दो बड़ी बहनों की शादी भी की. 2021 से हालात बदलने लगे. तब जायसवाल को आईपीएल कॉन्ट्रेक्ट मिल गया था. इसके बाद यशस्वी ने तेजस्वी को फिर से क्रिकेट में ध्यान देने को कहा. इसके तहत उन्हें त्रिपुरा भेजा गया. तीन साल बाद पिछले महीने मेघालय के खिलाफ मैच से तेजस्वी का डेब्यू हुआ.
तेजस्वी ऑलराउंडर हैं. वे बाएं हाथ के बल्लेबाज और मीडियम पेसर हैं. लेकिन उन्हें अभी भी छोटे भाई के जरिए परिचय कराने पर खुशी होती है. उन्होंने कहा, 'मुझे अपने भाई पर काफी गर्व है. मैं अपने भाई की वजह से ही दोबारा क्रिकेट खेल रहा हूं. और जब लोग कहते हैं, वह देखो यशस्वी जायसवाल का बड़ा भाई जा रहा है तो मुझे बहुत खुशी होती है.'
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