तिलक वर्मा फिर हीरो, 136 पर 6 विकेट गंवा चुकी टीम इंडिया के बने संकटमोचक, ऑस्ट्रेलिया के सामने महज 6 रन से शतक से चूके

तिलक वर्मा फिर हीरो, 136 पर 6 विकेट गंवा चुकी टीम इंडिया के बने संकटमोचक, ऑस्ट्रेलिया के सामने महज 6 रन से शतक से चूके
तिलक वर्मा (फोटो सौजन्य: Getty Images)

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तिलक वर्मा ने इंडिया ए के लिए 122 गेंद में 94 रन की पारी खेली.

तिलक वर्मा ने नंबर तीन पर उतरकर टीम इंडिया को 246 रन तक पहुंचाया.

तिलक वर्मा एशिया कप 2025 फाइनल में प्लेयर ऑफ दी मैच बने थे.

तिलक वर्मा भारत की टी20 टीम में कमाल करने के बाद अब वनडे स्क्वॉड का भी हिस्सा बनना चाहते हैं. उन्होंने 3 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ 50 ओवर के मुकाबले में खेल के जरिए दावा पेश किया. तिलक वर्मा ने इंडिया ए के लिए खेलते हुए 94 गेंद की शानदार पारी खेली. उन्होंने टीम को तीन विकेट पर 17 और छह विकेट पर 136 के स्कोर से उबारते हुए 246 रन तक पहुंचाया. तिलक आखिरी विकेट रूप में आउट हुए और शतक पूरा नहीं कर पाए. उन्होंने 122 गेंद खेली और पांच चौकों व चार छक्कों से अर्धशतकीय पारी खेली.

ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ दूसरे वनडे में तिलक के अलावा बाकी बल्लेबाज नाकाम रहे. अभिषेक शर्मा (0), प्रभसिमरन सिंह (1), कप्तान श्रेयस अय्यर (8), निशांत सिंधु (1) और सूर्यांश शेडगे (10) सस्ते में निपट गए. लेकिन तीसरे नंबर पर उतरे तिलक ने चौथे विकेट के लिए रियान पराग के साथ 101 रन की शतकीय साझेदारी कर टीम को मुश्किल से उबारा. पराग ने आक्रामक अंदाज अपनाया और 54 गेंद में छह चौकों व एक छक्के से 58 रन की पारी खेली. उनके आउट होने के बाद भारतीय टीम ने 18 रन में फिर से तीन बल्लेबाज गंवा दिए.

तिलक वर्मा ने किस तरह से इंडिया ए को संभाला

 

तिलक इस दौरान क्रीज पर डटे रहे. उन्होंने हर्षित राणा (21) के साथ 33, युद्धवीर सिंह (4) के साथ 15, रवि बिश्नोई (26) के साथ 34 और अर्शदीप सिंह (10) के साथ 28 रन की साझेदारी करते हुए टीम इंडिया को 250 के करीब ले गए. तिलक 46वें ओवर में जेक एडवर्ड्स की गेंद को उड़ाते हुए आउट हुए. ऑस्ट्रेलिया ए की तरफ से एडवर्ड्स 56 पर चार विकेट के साथ सबसे सफल रहे. उनके अलावा विल सदरलैंड और तनवीर सांघा ने दो-दो शिकार किए.

तिलक वर्मा ने एशिया कप 2025 फाइनल में भारत को बनाया था चैंपियन

 

तिलक ने हाल ही में एशिया कप 2025 फाइनल में फिफ्टी लगाते हुए भारत को पाकिस्तान पर शानदार जीत दिलाई थी. तब भी उन्होंने मुश्किल में फंसी भारतीय टीम को बचाया और फिर नौवीं बार विजेता बना दिया.